‘टैक्सी पर मैक्सी मत पहनो’ मंदिर में संस्कृति अनुरूप वेशभूषा धारण करो: आचार्य श्री सुनील सागरजी ने दिल्ली वालों को चेताया

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23 मार्च 2023/ चैत्र शुक्ल दौज/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ प्रवीन कुमार जैन /
तिजारा। रविवार 19 मार्च को तिजारा अतिशय क्षेत्र में आचार्य श्री सुनील सागरजी ने दिल्ली की ओर विहार से पूर्व अपने प्रात: प्रवचन में कहा कि इंसान के पास वक्त की कमी नहीं है, बस उसे सही दिशा देने की जरूरत है। जीवन की धारा बहती जा रही है, इस छोटे से जीवन में ऐसा करो कि आत्मा का कल्याण हो सके। रोज-रोज खाते हो तो, वह आपको भाता नहीं है। तो फिर रोज विषयो भोगों में डूबे रहते हों, वो कैसे भा जाता है?

उम्र बहुत छोटी है, विषय-भोगों में डूबकर पाप बीज बो रहे हो। व्रत बहुत मुश्किल है, बच्चों को व्रत मिल जाये तो मां-बाप आज उसे मना करने की बजाय, उसके पालन करने में मदद करनी चाहिए। बडेÞ भी ध्यान दें कि अगर व्रत लेने का मौका मिले तो ले डालो। जब फ्लैट खरीदना होता है तो आप पूरी जान लगा देते हैं और खरीद डालते हैं। उसी प्रकार धर्म-व्रतों के लिये भिड़ जाओ, जान लगा दो। देव-शास्त्र-गुरु का सान्निध्य बहुत ही लाभदायक होता है। मुनिराज मोक्षमार्ग के पथिक हैं, इनसे जुड़ जाओगे तो बिना टिकट भी कहीं न कहीं पहुंच ही जाओगे।

सबसे बुद्धिमान आज वही है जो देव-शास्त्र-गुरु के प्रति श्रद्धा रखता है, व्रत-उपवासों का पालन करता है, साधना करने वाला है। मुनिराज की साधना, तप, त्याग अद्भुत है। तीन काल में मोक्ष मार्ग का एकमात्र मार्ग है, तो वह वीतरागी दिगम्बर मुद्रा ही है।

इसलिये भगवान की भक्ति के लिये समय जरूर निकालना। गुरु चरणों में बैठकर आत्मबोध का ज्ञान जरूर प्राप्त करना।
आचार्य श्री ने अंत में कहा – हां, एक बात और आज जो टैक्सी पर मैक्सी पहनकर मंदिर में आने की प्रथा बनने लगी है, उससे बचो (यानि महिलाएं सल्वार-कुर्ते, गाउन में)। अर्थात् महिलाएं जब गुरुओं के पास जाए, मंदिर जाएं तो अपनी संस्कृति अनुरूप ही वेशभूषा पहननी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात पर मैं लालकिला मैदान पर जरूर बोलूंगा, दिल्ली वाले सचेत हो जाएं।