आज आचार्य श्री सुनील सागर जी का पड़गाहन विधि नहीं मिलने से हुआ उपवास, पर जहां उनके चरण पड़े वहां केसरी चरण चमक उठे

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14 अक्टूबर 2022/ कार्तिक कृष्णा पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी

राजस्थान की राजधानी जयपुर में वर्षायोगरत तपस्वी सम्राट के बेमिसाल नंदन राष्ट्र गौरव चतुर्थ पट्टाचार्य श्री सुनील सागर जी यतिराज आज दिनांक 14 अक्टूबर को भट्टारक जी की नसिया में आहार चर्या हेतु निकले तो लगभग सभी चोखो तक तीन -चार भ्रमण में भी संकल्प विधि नही मिली,जिस पर आचार्य श्री मंदिर की तरफ जाने लगे लेकिन श्रावको के अत्यंत अनुरोध पर उन्होंने सम्पूर्ण चोखों तक एक भ्रमण ओर किया फिर भी विधि नही मिली जिस वजह से आचार्य श्री का आज उपवास हुआ और पूज्य गुरुदेव अत्यंत शांत,सहज रूप से अपने ध्यान सामयिक क्रिया में अग्रसर हो गए।

दोपहर के सामयिक के पश्चात आचार्य श्री जब अपने कक्ष से निकले तो जहां जहा उनके चरण पड़े वहा स्वतः केसरी चरण चिन्ह खिल उठे।

दिगंबर जैन तपस्वी संतो की ऐसी पवित्र साधना को देखकर समूचा जयपुर नत मस्तक है।
-शाह मधोक जैन चितरी