परम पूज्य जेष्ठाचार्य 108 श्री आदिसागरजी महाराज अंकलीकर परंपरा के चतुर्थ पट्टाधीश धर्मसम्राज्य नायक आचार्य भगवंत 108 श्री सुनीलसागर जी गुरूदेव का आज सांध्यकाली वेला में धर्म नगरी सीपुर से विहार हुआ तथा बड़ावली प्रवेश हुआ
आचार्य भगवंत क़े सांध्यकाली सामयिक क़े पश्चात् आचार्य भगवंत के जिस पाटे पर खड़े हो कर गुरुदेव ने अपनी दिव्य ऊर्जा से सामायिक की उस पाटे पर सामायिक के पश्चात गुरुदेव के चरणों अंकित हुए गुरुदेव के चरणों में हम बारंबार नमोस्तु करते हैं
– हेमल जैन रींछा