राजधानी दिल्ली में वर्तमान के सबसे बड़े संघ पर किसने की अपमानित, अपशब्दों की बौछार और फिर कैसे मानो प्रकृति ने कर दिया उसका संहार, बिहारी कॉलोनी में आज वही हुआ, जो 25 साल पहले उसे संघ के साथ बिहार में हुआ

0
1436

24 जून 2022/ आषाढ़ शुक्ल षष्ठी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ EXCLUSIVE/शरद जैन
इतिहास दोहराता है, कल भी दोहराता था तथा आज भी दोहराता है । और दूसरी बात, जब किसी का बुरा करते हो, तो उसका बुरा तुरंत होता है कहा भी है ना ,गड्ढा खोदने वाला पहले खुद गड्ढे में गिरता है ।

और अगर दिगंबर संतो के प्रति किसी ने कभी बुरा किया, बुरा सोचा , तो प्रकृति या रक्षक देवी देवताओं से उसे फल मिलने में देर नहीं लगती। आपको विश्वास नहीं होगा, पर यह शत प्रतिशत सच है। आज शनिवार, सुबह 6:15 बजे दिल्ली में वही घटना घट गई , जो लगभग 10 दिन पहले मध्य प्रदेश में हुई थी, जब कुछ मनचले गोल टोपी पहनने वाले, नाबालिग , श्वेतांबर संतों के प्रति अपशब्दों की बौछार करनी शुरू की और बाद में उन्हें मांसाहार तक देने की हिमाकत कर डाली ।

लगभग वही दुर्घटना की शुरुआत आज राजधानी दिल्ली के बिहारी कॉलोनी में विराजमान वर्तमान में, देश के सबसे बड़े संघ, आचार्य श्री सुनील सागर जी मुनिराज संघ के साथ घट गई । चतुर्थ कालीन चर्या वाले, यह संघ , सुबह शुद्धि के लिए जंगल जाता है और उसी तरह, रोज की तरह आज भी, शनिवार 24 जून को, प्रातः गया और 6:15 बजे जब उधर से लौट रहा था। तब पूर्वी दिल्ली के श्याम लाल कॉलेज के पास, केशव चौक पर, एमसीडी के दफ्तर के सामने, उसी तरह बाइक पर दो गोल टोपी वाले नवयुवक आए और आचार्य श्री के प्रति अपशब्द , अपमानित गंदी बातों की जैसे बौछार की।

उस समय 50 के लगभग श्रावक भी साथ थे। कोई कुछ प्रतिक्रिया करता, उससे पहले ही , उन्होंने बाइक की रफ्तार बढ़ाई और मुश्किल से 100 कदम ही, हवा में बात कर रही थी। बाइक की अचानक, जैसे किसी ने रोक दी , जबकि पूरे हाईवे पर, दूर-दूर तक उस समय, कोई बस, वाहन, कोई पैदल यात्री तक नहीं दिख रहा था।

कैसे रुक गई बाइक, एक धड़ाम से नीचे गिरा, दूसरा सामने अंडरपास की दीवार पर लटक गया। एक का पैर टूट गया, दूसरा 10 15 मिनट तक जमीन पर पड़ा रहा। आचार्य श्री ने संकेत किया कि जाकर पता करो, ज्यादा चोट तो नहीं लगी यानी एक उद्दंडता दिखाता है और वही पर दूसरा फूल बरसाता है। दिगंबर संतो की यह क्रिया बहुत पहले से है । कोई मरा हुआ सांप डालता है और बदले में उसे दोनों हाथों से आशीर्वाद मिलता है। यह कोई कोरी कल्पना नहीं है। ऐसा ही इस संघ में आचार्य श्री ने बताया कि 25 साल पहले , ऐसी घटना हमारे साथ बिहार में भी हुई थी और आज बिहारी कॉलोनी में हो गई।

जागरूक रहना होगा और गलत काम करने वालों को समझ लेना होगा कि दिगंबर संतो की चर्या, तप, त्याग, तपस्या इतनी ज्यादा शक्तिमान होती है कि उनका ओरा ऐसा बन जाता है कि उन पर करा गया जरा सा उपसर्ग , कई गुना वापस आता है। पूरी जानकारी आचार्य श्री के मुख से और एक श्रावक के मुख से , आज चैनल महालक्ष्मी आप को रात्रि 8:00 बजे यानी 24 जून को सबसे लोकप्रिय जैन यूट्यूब न्यूज़ चैनल आपका चैनल महालक्ष्मी पर देखना ना भूलें कि कैसे किसी ने अपशब्दों की बौछार की और उन पर क्या हुआ विधि का, और संतो ने क्या किया। बहुत रोचक, मार्मिक और सब को जागरूक करने वाला।