27 अप्रैल 2023/ बैसाख शुक्ल सप्तमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
केवल 4 तीर्थंकर ही हैं जिनके जन्म और तप कल्याणक अलग-अलग दिन होते हैं । तीर्थंकर संभव नाथ जी, तीर्थंकर सुमति नाथ जी , तीर्थंकर अरनाथ जी और तीर्थंकर महावीर स्वामी । इनमें पांच वे तीर्थंकर, श्री सुमतिनाथ जी का तप कल्याणक आ रहा है, वैशाख शुक्ल नवमी यानी 29 अप्रैल को।
जाति स्मरण से आपकी वैराग्य भावना बलवती हुई और फिर अयोध्या नगरी के सहेतुक वन में, पूर्वाहन काल में , आप 1000 राजाओं के साथ तप को चल दिए। पंचमुष्टि केशलोंच के बाद , आपने 20 वर्षों का कठोर तप किया।