जयंत विमान में आयु पूर्णकर श्रावण शुक्ल द्वितीय (इस वर्ष 10 अगस्त को है) को अयोध्या के महाराजा श्री मेघप्रभ की महारानी श्रीमती मंगला देवी के गर्भ में पांचवें तीर्थंकर श्री सुमतिनाथ जी आये। पूर्व पर्याय में आप पुष्कलावती देश के श्री रतिषेण नामक राजा रहे।
आपकी आयु 40 लाख वर्ष पूर्व थी और कद था 1800 फुट। आपने 19 लाख वर्ष पूर्व तथा बारह पूर्वांग वर्ष राज्य किया, फिर जाति स्मरण से आपको वैराग्य भावना बलवती हो गई और अयोध्या के सहेतुक वन में पंचमुष्टि केशलोच कर तप में लीन हो गये।
बोलिए, पांचवें तीर्थंकर श्री सुमतिनाथ जी के गर्भकल्याणक की जय-जय- जय।