जिस दिन जन्मदिन हो शादी के सालगिरह पर ,अपनी मां पत्नी के हाथ का बना भोजन करना, ये शुगन आपकी जिन्दगी मे मंगल है : मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी

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चन्द्रोदय तीर्थ चांदखेड़ी – निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव मनोज्ञ 108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
खुशी के दिन नौकर के हाथ का बना भोजन नहीं करना

1.जन्म दिन को घर का भोजन-जिस दिन बेटे का जन्मदिन है, उसका शुद्ध भोजन घर का बना भोजन करा दो उसकी जिंदगी में शुगन हैं, साल में 1 दिन अपनी मां के हाथ का भोजन करने का नियम ले लो, जिस दिन जन्मदिन हो शादी के सालगिरह पर ,अपनी मां पत्नी के हाथ का बना भोजन करना, ये शुगन आपकी जिन्दगी मे मंगल है खुशी का दिन गुरु के चरणों मे बिताना।

2.उपादान-भगवान की कृपा से सब मेरे कार्य हो जाएं, मां-बाप की मेहरबानी से सब काम हो जाए, महाशक्तिशाली भगवान हमारे सामने हो, तो उपादान कमजोर हो, तो निमित्त भी कुछ नहीं काम करते हैं।

3.पुण्य-महाशक्ति का भंडार चैतन्य प्रभु स्वयं की आत्मा कभी-कभी महान आत्माओं के प्रकाश में स्वयं का प्रकाश को भूल जाता है, भगवान का वैभव देखते-देखते व्यक्ति अपनी भव्यता भूल जाता है, संसार को कोई व्यक्ति साथ देता है, जब तक स्वयंभू शक्ति हैं,पुण्य हो तो भगवान भी साथ देता, जब तक पुण्य नहीं हो, भगवान हमारे साथ नहीं है।

4.संसार में जीना है, तो 50% पर के आश्रित है, 50% स्वयं के आश्रित है, पुण्य है तो कोई कुछ नहीं कर सकता और आपके पुण्य नहीं फिर कोई नहीं बचा सकता
प्रवचन से शिक्षा-अच्छे दिनों में घर में भोजन करना
सकंलन ब्र महावीर