पुण्य के दिनों में पाप करता है प्रकृति उसको माफ नहीं करती, सजा देती हैं : मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी

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8 अगस्त 2021 -चन्द्रोदय तीर्थ चांदखेड़ी- निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव तीर्थ प्रेणता108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
वैराग्य व्यक्ति-संसार को छोड़ता है संसार से घृणा नहीं करता हैं
1.गुरुदेव की कृपा- मौसम विभाग व ज्योतिषी ने 3 दिन तक वर्षा की जोरदार बरसात आ रही थी गुरुदेव ने ये भावना भाई की भगवान का अभिषेक प्रतिदिन होता था आज भी होना चाहिए यह भावना जैसे ही भाई क्षैत्र पर पानी उतरने लगा और भगवान का अभिषेक हुआ।

2.पाप व पुण्य- संसारी अच्छे दिन पाप वाली जगह जाते हैं, घूमने जाता है कि ऐसे व्यक्ति को प्रकृति माफ नहीं करती है, बुरे दिन भगवान गुरु के पास आते हैं ,पाप कर्म के उदय में पाप करता है, प्रकृति उस पर कुपित नहीं होती है पुण्य के दिनों में पाप करता है प्रकृति उसको माफ नहीं करती, सजा देती हैं

3.पाप अभिप्राय से- हिंसा मात्र से पापी नहीं होता है ,उसका भाव क्या था ,वह देखा जाता है, NCC का क्रेडिट किसी को मार देता है तो उसे माफी मिलता है और कोई जान कर किसी को मारने की कोशिश करता हुआ, वह बच जाता हैं ,उसको सजा मिलेगी , हिंसा क्योंकि उसका कारण क्या था।

4.प्रकृति कितने रुप- प्रकृति के साथ असमर्थ व्यक्ति जुड़ जाता है ,समर्थ व्यक्ति प्रकृति से उपर उड़ जाता है ,जो वह स्वयं की प्रकृति की रचना कर लेता है, प्रकृति तीन रुप होती है ,पर प्रत्यय रूप,एक स्व प्रत्यय रुप जो प्रकृति होती है अपने आधीन होती है, पर प्रत्यय रूप दूसरे के अधीन होती है, तीसरा तरीका अनैतिक है, लेकिन हमें उस पर डाका डालना पड़ता है।

5.नहाते हुए पुण्य- हम नहा रहे हैं, नहाते हुए संकल्प करें कि हम नहा कर भगवान को अभिषेक करेंगे, मुनि महाराज को आहार दान देंगे, पूजा करेंगे, भगवान के विधान करेंगे ,तो हमारे नहाते हुए वह पाप करते हुए पुण्य लगेगा, उसे पाप नहीं लगेगा
6.शराबी- यह व्यक्ति शौक से शराब पी रहा है, एक व्यक्ति ने अशुभ कर्म के कारण से शराब पी रहा हैं, शौक से शराब पीने वाला को पाप लगेगा।
प्रवचन से शिक्षा- फैमिली डॉक्टर नहीं, फैमिली वकील चाहिए,गृहस्थी मे अपराध होगा , गुरु मुझे अपराध से बचा लेगा।

सकंलन ब्र महावीर