साधु को कोई गाली देता है तो साधु उसको मंत्र बना देता हैं, अक्षरों को बीजाक्षर बना दिया, अपना कल्याण कर लिया : मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी

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9 अप्रैल 2021-देशनोदय चवलेश्वर निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव मनोज्ञ 108श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
दुनिया हर आदमी को अपने जैसा देखना चाहता है
1.गरीब के समाने अमीर नहीं दिखाना-नौकर आपके कमरे में आता है नकारात्मक ऊर्जा देता है दुनिया हर आदमी को अपना जैसा देखना चाहता है गरीबों की बस्ती में पूरी मत खाना, गरीबों के सामने मिठाई मत खाना, गरीबों की सूखी रोटी खाना, गरीबों की बस्ती में जैसा गरीब रह रहा है वैसा रहना, नहीं तो वह तुम्हें कोसेगा ,
गरीब के सामने कभी गाड़ी से मत जाना, पैदल ही जाना, अपनों से कमजोर पर हेंकडी मत दिखाता है वह गुन्डा कहलाता है।
2.गाली को मंत्र बनाना-साधु को कोई गाली देता है तो साधु उसको मंत्र बना देता हैं, जैसे साधु को मूर्ख कहा किसी ने तो साधु ने उन अक्षरों को म उ र् ख अक्षर बना लिए,हम लोगों को मूर्ख शब्द सुनाई दे रहा है, साधु को ज्ञायक भाव,तत्व दृष्ठि में साधु को बीजाक्षर बना दिया, साधु ने अपना कल्याण कर लिया, साधु सुनता गाली है उसको मंत्र बना देता है।
3.साक्षी भाव-समता परिणाम जिनका शास्त्रों में वर्णन है देखने के बाद वस्तु में हेय उपादेय में चले जाते हैं, पर्याय दृष्टि मे चले जाते हैं।साक्षी रुप नहीं बन पा रहा है, वस्तु को वस्तु रूप में नहीं देख पा रहे हैं, समता नहीं बन पा रही है हर्ष विषाद हास्य कषाय हुई।
4.कमजोर की पुर्ती करो-हमें दुनिया में उसको संभालना है जिसको कोई नहीं संभालता हम उसको संभालते हैं ,जिसको दुनियां सभालती है, हम तभी महान बन सकते है, जो जिसको कोई नहीं संभालोगे उसको बचाते हो तो वह व्यक्ति महान बनता है।
प्रवचन से शिक्षा-गरीब हर आदमी को गरीब देखना चाहता है,साधु गाली को मंत्र बना लेता
सकंलन ब्र महावीर