देशनोदय चवलेश्वर – निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव महोपकारी108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
अच्छा बेटा-बाप जब भी मिले दोष देखने वाला,थप्पड़ मारने वाला,डांटने वाला ही मिले
1.बलवान व बडे आदमी मे अन्तर- बलवान व्यक्ति अपने से कमजोर का शोषण प्रारंभ करता है इसलिए बलवान को लोग गुंडा,अराजक तत्व नाम लेते हैं महान व्यक्ति जो होता है कमजोर व्यक्ति की मदद करता है सहयोग करता है बड़ा व्यक्ति जो सर्व शक्तिमान होता है वह गरीब को देखकर रोब तो नहीं कर रहा है जो सर्वशक्तिमान होते है गुंडे तानाशाह हैं वो अपना भंडारा खोल देता है जब धनवान व्यक्ति गरीब को हाथ जोड़कर मदद करता है तो वह महान बनता है और तीन लोक की शक्ति उसको मिलेगी ज्ञानी ज्ञानी को सत्पत बताता है ज्ञान बांटते हुए मिलेगा जो महान व्यक्ति होता है वह अपना भंडारा खोल देता हैं।
2.बाप,गुरु की डांट-बाप जब भी मिले गाली देने वाला मिले थप्पड़ मारने वाला मिले,डांटने वाला मिले,दोष देखने वाला इसी प्रकार गुरु अपने शिष्य को डांटने वाला मिले,दोष देखे ऐसा गुरु आपकी जिंदगी में कोई दोष नहीं रहेगा अपना अहोभाग्य मानना ऐसे गुरु मिले यदि आप से मां-बाप,गुरु शिष्य से बडे़ की कमजोरी शिष्य के पास है बडे़ कांपते हैं जिंदगी में अब कभी शुभ नहीं होगा भव-भव में विनाश होगा दुर्भाग्य का दिन समझना
3.अपना वैभव-कोई व्यक्ति जब वो अपनी वैभव में प्रवेश करती है तो उसका आनंद अलग होता है आदमी छोटी सी दुकान की कमाई करता है तो आनंद की लहर दौड़ जाती है धर्म व धर्म का मुख्य उद्देश्य आनंद लेना है शरीर को सुखाना नहीं भगवान की पूजा कराना नहीं है जयकार नहीं बोलना है।
4.बुरा से भला कब-बड़ा व्यक्ति आपसे कांप रहा है मेरे से कोई बड़ा डरता तो नहीं आप घर में ऐसा माहौल बना दें आपके बड़े आपके दोष देखे आपको पापी कहे,आपको गाली दे आपका भला होना शुरू हो जाएगा जो आपके बुरा हो रहा था वह भले में भला होना शुरु हो जाएगा
5.किसी को गलती बताने पर यदि वह प्रत्युत्तर देता है तो उसे कभी गलती नही बताना।
प्रवचन से शिक्षा- अपनों से बड़ों में गलती नहीं देखना बडे़ हमारी गलती देखे।
सकंलन ब्र महावीर