भगवान को देखते हैं तो भगवान बनने का मन करता है : मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज

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देशनोदय चवलेश्वर- निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव परम उपकारी 108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
घर भरे हुए लौटे और चेहरे पर मुस्कान हो घर मे कुछ पाकर लौटो घर में मुंह फुलाकर नहीं लौटूंगा

1.घर लौटते समय मुस्कुराओ-घर भरे हुए लौटे और चेहरे पर मुस्कान हो कुछ पाकर लौटो घर में मुंह फुलाकर नहीं लौटूंगा मुस्कान से भर कर लौटो तुम मुस्कान से लौट आओगे तो 50% नकारात्मक ऊर्जा से दूर हो जाओगे घर से निकलो जब समस्या में हो तब ही क्योंकि समस्या है तभी आप घर से जा रहे गाय जब सुबह जाती है मंगल नहीं कहां है शाम को घर वापस उसके स्तन भरकर कर लौटती है उसे भरकर लौटती है वह मंगलकारी होती है गोधूलि बेला को मंगलकारी का है गोधली बेला के दिन मृत्यु योग भी हो तो भी मंगल कहा हैं।

2.पति पत्नी-एक पति अपनी समस्याओं का पत्नी को ना बताएं समस्या, एक दूसरे को ना बताएं समस्या स्वयं की है, मैं पत्नी को नहीं बताऊंगा ,समस्या का मैं स्वयं हल करूंगा तब पत्नी अपनी अपनी समस्या पति को ना बताएं, स्वयं हल करूंगी पड़ेगी यदि आप पत्नी ने अपनी समस्या रखी पति को आते ही बता दी ,तो वह पूरी अपनी नकारात्मक उर्जा देगा घर मे,मां अपने बेटे के सामने नहीं लड़े, सास और पत्नी अपने पति के सामने नही लडे, इन दोनों अपनी पत्नी और सास की समस्या, दोनों एक दूसरे से समस्या हल करगे घर के पुरुष को नहीं बतायेगे।

3.ऊचाई-जब हम किसी को ऊंचाइयों में देखते हैं ,तो हमारा मन भी ऊंचाइयों को छूने का मन करता है,भगवान को देखते हैं तो भगवान बनने का मन करता है, हर आदमी ऊंचाइयां छुना चाहता है।

प्रवचन से शिक्षा-तुम अकेले चिंता में हो तो आप घर में अपनों को चिंता मत बताना।
सकंलन ब्र महावीर