13 सितम्बर 2022/ अश्विन कृष्ण तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
अच्छे कर्मों से भली राहत क्या होगी
जगत पूज्य से बड़ी इबादत क्या होगी
जिस इंसान के सर पर हो हाथ गुरुदेव का
उसे जिंदगी से भला शिकायत क्या होगी
आज, अश्विन क्रष्ण तृतीया, के ही दिन निर्यापक मुनिश्री सुधा सागर जी महाराज , मुनिश्री समता सागर जी , मुनिश्री स्वभाव सागर जी मुनिश्री सरल सागर जी महाराज ने मुनि दीक्षा ली थी | सन – 1983 , ईसरी बाजार ( गिरडीह – झारखण्ड ) में , आचार्यश्री विद्या सागर जी महाराज व्दारा |
• पूर्व नाम : श्री जय कुमार जैन
• पिता : श्री रूपचन्द्र जैन
• माता : श्रीमती शन्तिबाई जैन
• जन्म स्थान : ईशुरवारा (जिला : सागर ), म०प्र०
• जन्म तिथि : मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी (मोक्ष सप्तमी ), सम्वत 2015 तदनुसार दि. 21 अगस्त 1958
• दिन गुरुवार
• शिक्षा : बी.कोम
• भ्राता : 2 (ज्येष्ठ श्री ऋषभ कुमार जैन , कनिष्ठ श्री ज्ञान चन्द्र जैन)
• भगिनी : २(निरंजना , कंचनमाला)
• विवाह : नहीं किया ( आजन्म बाल ब्रम्हचारी )
• ब्रम्हचर्य व्रत : आचार्य श्री विद्यासगर जी महाराजसे
• श्रीदिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र नैनागिर जी में 19अक्तूबर 1978
• क्षुल्लक दीक्षा : 10 जनवरी 1980 को नैनागिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराजजी से
• और नाम पाया क्षुल्लक श्री परमसागर
• एलक दीक्षा : 15 अप्रेल 1982 को सागर म०प्र० में भगवान महावीर जयन्ती के पावन दिन (आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज से)
• मुनि दीक्षा : अश्विन क्रष्ण त्रतीया तदनुसार दिनान्क : 25 सितम्बर 1983 को ईसरी
• (जिला गिरिडीह बिहार) में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से परम जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण की और नाम पाया मुनि श्री सुधासागर जी महाराज
आप समाज की मिथ्या कुरीतियों को आगम एवं तर्क से खण्डन कर सम्यक् रीतियों का प्रवर्तन करते हैं। एकांतवादी तथा कथित अध्यात्मवादियों को एवं गृहीत मिथ्या दृष्टियों को अनेकांत एवं सम्यक दर्शन का पाठ पढाया है। आप वास्तु विज्ञानी एवं पुरातत्व के महान संरक्षक है,
अतः आपके आशीर्वाद से एवं प्रेरणा से अतिशय क्षेत्र देवगढ(उत्तर प्रदेश) अतिशय क्षेत्र सांगानेर (राजस्थान) बजरंगगढ (मध्यप्रदेश) भव्योदय अतिशय क्षेत्र, रैवासा (राजस्थान) सिद्धक्षेत्र गरनार (गुजर त) एवं सिद्धक्षेत्र शत्रुंजय (गुजरात), अतिशय क्षेत्र चान्दखेडी (राजस्थान), सीरोनज संस्थान, सांगानेर (राजस्थान) सुधा सागर इंटर कॉलेज, ललितपुर (उत्तर प्रदेश) आ. ज्ञानसागर वागर्थविमर्श केन्द्र, ब्यावर (राजस्था न) अनेक गौशालाऐं आदि नवीन क्षेत्र आपकी सातिशय प्रेरणा से स्थापित होकर जैन संस्कृति का गौरव बढा रहे हैं। राजस्थान में अनेक साल से मुनि श्री द्वारा अद्भुतद्भु धर्म प्रभवना हो रही है। सैकडों साल के इतिहास में इतनी महती प्रभा वना देखने को नहीं मि ली । सन 1996 में जयपुर के वर्षायोग मे एक सा थ 20- 25 हजार लोग प्रतिदिन प्रवचन सुन कर भाव विभोर हो जा ते थे।
श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर राजस्थान एवं महाकवि आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास की स्थापना आपकी प्रेरणा से हुई, जिसमें प्रति वर्ष 100 श्रमण संस्कृति समर्थक विद्वान तैयार होकर भारत वर्ष में जिनवानी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं अर्थात सांगानेर को तो विद्वान तैआर करने की खान बना दिया है। मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज ने 12 जून, 1994 को तीन दिन के लिये भूगर्भ स्थि त यक्ष रक्षित 69 मूर्तियों को चैत्यालय से निकाला तथा प्रबन्धकारणी कमेटी की प्रार्थना पर 20 जून से 24 जून 1998 तक को 101 मूर्तियाँ निकाली । मुनि श्री सुधा सागर महाराज ने ही भूगर्भ स्थित यक्ष-रक्षित परम्परागत निकाले गये चैत्यालय के साथ इस बार अन्य दूसरी गुफा से एक और दूसरा अलौकिक विशाल रत्नमय चैत्यालय श्रावकों के अमृतसिद्धि दर्शन हेतु निकाल कर महाअतिशय प्रकट कर बहुजनों को धन्य कि या ।
सांगानेर संघी मन्दिर में अपनी साधना एवं तपस्या के बल पर भूगर्भसे दो बार यक्ष रक्षित रत्नमयी चैत्यालय निकालकर सारे विश्व को चमत्कृत कर धन्य-धन्य कर दिया । यहाँ की रत्नमयी प्रतिमाओं के 10-25 लाख लोगों ने दर्शन कर पुण्यार्जन कि या । 24 मा र्च, 2002 को मुनि श्री ने चांदखेडी अतिसय क्षेत्र में पुनः अपनी प्रगाढ साधना से मन्दिर की गुफा से इतिहास में पहली बार स्फटिक मणि के विशाल चन्द्रप्रभु, अरिहंत एवं पार्श्वनाथ भगवान के जिनबिम्ब निकाले। जिनका 15 दिन तक दर्शन कर पन्द्रह लाख श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जित किया ।
प्रमुख जीर्णोद्ध र:
1. 1008 भगवान श्री आदिनाथ श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघी जी , सांगानेर (जयपुर)
2. 1008 भगवान श्री आदि नाथ श्री दिगम्बर जैन अति शय क्षेत्र मन्दि र, चाँदखेडी
3. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बैनाड
4. आचार्य श्री ज्ञा नसागर समाधि मन्दिर, नसीराबाद
5. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, रैवासा
6. श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, आँवा
7. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौलिया
संत शिरोमणि आचार्य भगवान विद्यासागर जी महाराज के कर कमलो से कुवांर बदी तीज 1983 इशरी मे दीक्षित सुयोग्य शिष्य…….
निर्यापक श्रमण मुनि श्री सुधासागर जी महाराज
निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर जी महाराज
समाधिस्थ मुनि श्री स्वाभाव सागर जी महाराज
मुनि श्री सरलसागर जी महाराज
मुनि श्री समाधि सागर जी महाराज
के 40 वे मुनि दीक्षा महोत्सव पर कोटि कोटि नमोस्तु!