मंदिर के निर्माण से बेरोजगार लोगों को रोजगार व समृद्धि मिलती है,छापा डालो या जेबकतरा डाकू भेजो : मुनिपुंगव श्री सुधासागर

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देशनोदय चवलेश्वर- निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव रिद्धि सिद्धि भक्तामर मन्त्रो के निर्देशक 108श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
मंदिर के निर्माण से बेरोजगार लोगों को रोजगार व समृद्धि मिलती है
1.डाकू और दुखी-मुझे नींद नहीं आ रही है कोई बात नहीं लेकिन यदि पूरे नगर को नींद नहीं आए तो हम खुश हो जाते हैं दो सगे भाइयों में व्यापार कम ज्यादा चलता था एक का ज्यादा चलता एक का कम तो कम वाला दुखी होता था तो उसने अपनी भाई को ही मार दिया जेबकतरा चाहता है सबकी जेब भर रहे तभी तो वह जेब काटेगा,डाकु चाहता सभी सेठ लोग भरे रहें संपन्न रहें तभी तो वो डाका डालेगा।
2.मन्दिर निर्माण से रोजगार-छापा और डाका डलने के पहले मेरा पुण्य का धन जो भगवान गुरु तीर्थक्षेत्र को दान कर दे तो सरकार राजा छापा व डाका डलवा देंगे,सरकार गरीबों को पैसे देने के लिए नरेगा मनरेगा से रोजगार देती है कि जो मंदिर धर्मशाला से जैनियों का पैसा व रोजगार दोनों मिलता है गरीबों को लिए,जैनियों के जो मंदिर बनते हैं लोगों को रोजगार मिलता हैं।
3.संसार का दुर्गण-संसार की नीति है कि व्यक्ति स्वयं समर्थ नहीं हो पाता तो वह भावना करता है कि खुद दुखी हो तो सामने वाला सुखी हो तो भावना करता है कि सामने वाला भी दुखी हो जाए हमारी आंखें नहीं हैं सामने वाले की आंखें चले जाये यह भावना भाता हैं जो जो दुख स्वयं को है सामने वाला सुखी हो तो भावना करता कि सामने वाला भी दुखी हो जाए हम दुखी हो सामने वाला दुखी हो तो हमारा दुख कम हो जाता है आपके बुरे दिन आने वाले हैं।
प्रवचन से शिक्षा-अर्थशास्त्री कहता है छापा डालो या जेबकतरा डाकू भेजो
सकंलन ब्र महावीर