ग्राहक नहीं आया तो दुकान बंद करना पड़े दिवालिया होने के लक्षण,माल नहीं बचा है तो बंद करना पड़े दिवाली बनाने का लक्षण : मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी

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देशनोदय चवलेश्वर -निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव आगम के अनुसार 108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
ग्राहक नहीं आया तो दुकान बंद करना पड़े दिवालिया होने के लक्षण,माल नहीं बचा है तो बंद करना पड़े दिवाली बनाने का लक्षण
1.गरीब-गरीब की शक्ति बढ़ेगी अमीरों को परेशानी होगी अमीर गांव छोड़ देगा गरीब अमीरों को लूटना प्रारंभ कर देगा,अमीरों को बहुत सताया बहुत परेशानी में हो कर अमीर लोग गरीबों की बस्ती गांव से चले जाएंगे यही गरीबों की गरीबी का और कारण बन जाएगा पहले राजा लोग अमीरों को अपने महल के आसपास रखते थे शहर के बीच में रखते थे क्योंकि अमीरों के बीच में राजा सुरक्षित रहता है गरीब इसलिए खुश रहे मेरे पास अमीर रहता है पुण्यात्मा है हमें उनका जन्म से पूर्व जन्म का पापात्मा गरीब हूं उसका भविष्य उज्जवल है क्योंकि वह अमीर को देख कर खुश है गरीबी दूर होने वाली है अभाव को सद्भाव में कैसे बदले,बहरेपन को कान से कैसे सुने कैसे देखे नैत्रहीन, लक्ष्मीहिन इनको लक्ष्मी कैसे मिले सभी गुणों से जो खुश होगा उसको मिलेगा।
2.गरीब संघ-आचार्य विद्यासागर का संघ सुधासागर का सबसे गरीब संघ है कोई परीग्रह नहीं है ऐसे गरीब संघ में सभी अमीर श्रावक आशाए लगाए बैठे हैं।इसका गरीब संघ को श्रावक धन लेकर बैठे हैं दान देने के लिए तैयार बैठे एक आवाज पर दान कर देते हैं।
3.कंजूस-शाम को सब्जी खरीदने चाहते हैं वह कंजूस है या गरीब,सच्चा माल शाम तक बचता नहीं थोड़ी देर में माल बिक जाता है धर्म को बनीये का माल मत समझना कि सुबह महंगा और शाम को सस्ता हो जाये।
4.चेतन-चेतन स्वरूप जानना देखना का असाधारण गुण हैं जीव द्रव्य में,छ द्रव्यो में जीव द्रव्य अकेला रह गया हैं। यह जानने देखने का असाधारण गुण के कारण ही जीव द्रव्य सभी द्रव्यों से अलग हो जाता।
5.मेंढक-मेंढक का जीव भगवान की भक्ति से मर गया तू कुछ लोगों ने समोवशरण में जाने वाले का मरण हो रहा है क्यों हो रहा है समोवशरण में जाने वालों का भगवान का क्या प्रभाव नहीं है भगवान कहते हैं मैं मरते हुए को तो नहीं बचा सकता भगवान ने कहा की मेंढक की अवस्था में भक्ति करता कोई अतिशय नहीं होता भक्ति से देवता बनकर आया बनकर पुण्यात्मा बनकर आया हैं ये अतिशय हैं।
प्रवचन से शिक्षा-गरीब इसलिए खुश रहे मेरे पास अमीर का घर है गरीब की अमीरी आने वाली हैं।
सकंलन ब्र महावीर