देशनोदय चवलेश्वर- निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव रिद्धि सिद्धि भक्तामर मंत्रों के निर्देशक 108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
जो स्त्री के आने के बाद मां को भूल जाते वो सो सो भवो तक अनाथ होता है
1.मां और महिला-महिला शादी करके घर में आती है वो अपने पत्नी को मां से अलग नहीं करें ये सोचे भगवान मेने शादी करके बहुत बुरा किया यह सोचे शादी करके मां को खो दिया,याद करो मां का प्यार,मां का दुलार जो स्त्री के आने के बाद मां को भूल जाते वो सो सो भवो तक अनाथ होता है इसलिए शादी करना है करो लेकिन स्त्री जिंदगी में आए लेकिन मां जिंदगी से नही जाये वो माता आपको फलेगी।
2.दुर्भागा कौन-जिसके नगर में मंदिर है उस मंदिर में तुमने अभिषेक नहीं किया दर्शन नहीं किए,पूजन नहीं कि ये दुर्भागा है क्योंकि भगवान तुम्हारे लिए सिद्धालय से चलकर नीचे आए थे और तुम भगवान का अभिषेक पूजन दर्शन नहीं कर पा रहे हो तुम्हारा से बड़ा दुर्भागा कोई नहीं हैं।
3.अमीर बनाकर अच्छा नहीं किया- अमीर बनाकर भगवान मुझे तू पछाडना चाहता है पैसा आने से मंदिर अभिषेक पूजन और मुनि महाराज को आहार छोड़ जाता है कि समय नहीं मिल पाता सम्यकदृष्टि को जब स्वर्ग मिलता है तो भगवान से कहता है कि देव बनाकर तूने अच्छा नहीं किया देव पर्याय में धन अपरम्पार दिया लेकिन देवता भगवान का मंदिर नहीं बना सकते हैं इसलिए भगवान आपने मुझे देव पर्याय में भेजकर मंदिर और आहार दान संयम धारण नहीं कर पाता है।
4.बुरे दिन को याद करो-ऐसा कौनसा सुत्र है जिससे हम निश्चित हो जाएं अतीत के बुरे दिन आने पर आदमी बुराइयों से बचाता है जिस दिन तुम्हें सब कुछ विराम दिखने लगे,अंत हो गया था मेरा सब कुछ उस समय जिंदगी के उस क्षण को याद हमेशा रखना उसको आज आनंद आ जाएगा जब हमारे पास कोई भी पैसा नहीं हूं, उस दिन को याद करो रुपया आपको आज आनंद देने लगेगा आज तुम्हारे पास बहुत कुछ हो गया लेकिन बुरे दिन को याद करो जब कुछ नहीं था आज आपको आनंद आएगा किसी के बुरे दिन से अच्छे दिन आते हैं वो व्यसन,गलत कार्य नहीं करता हैं।
प्रवचन से शिक्षा-स्त्री जिंदगी में आए लेकिन मां जिंदगी से नही जाये वो माता आपको फलेगी।
सकंलन ब्र महावीर