जिस प्रकार देश की आजादी के लिए के लिए लाखों लोगों ने दिया बलिदान , ठीक उसी प्रकार जैन धर्म की आन-बान और शान के लिए किया अनुष्ठान

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14 नवंबर 2022/ मंगसिर कृष्ण षष्ठी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ नई दिल्ली
इस अद्भुत कार्यक्रम की पूरी जानकारी आज सोमवार 14 नवंबर के रात्रि 8:00 बजे के चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड में देखना ना भूलें

आचार्य श्री अनेकान्तसागरजी महाराज के संघ सान्निध्य में 13 नवंबर को लालकिला मैदान के विशाल पंडाल में 5 हजार से अधिक जैन श्रावक-श्राविकाओं ने इंद्र-इंद्राणियों के केशरिया वेष में जैन धर्म के सबसे बडे तीर्थ झारखंड स्थित श्री सम्मेदशिखरजी के संरक्षण हेतु तथा उसे पवित्र तीर्थ घोषित कराने हेतु गणधर वलय विधान आयोजित कर सिद्ध महार्चना संपन्न की।
इस अवसर पर आचार्य श्री ने अपनी बुलंद आवाज में कहा कि भारत धर्म प्रधान देश है, रामराज्य में भी धर्म- नीति से ही राजनीति चलती थी। तीर्थंकरों से ही जैन धर्म का अस्तित्व है। जिस प्रकार देश की आजादी के लिए, तिरंगे की आन-बान-शान के लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया है। ठीक उसी प्रकार देश की शान लालकिला मैदान से आज जैन धर्म की आन-बान और शान के लिए यह अनुष्ठान किया जा रहा है।

जिस प्रकार धर्मों में अहिंसा, मंत्रों में महामंत्र णमोकार, स्तोत्रों में भक्तामर स्तोत्र, यंत्रों में सिद्धचक्र व ऋषिमंडल सबसे बडा है ठीक उसी प्रकार तीर्थक्षेत्रों में सम्मेदशिखर जी हमारा सबसे बडा तीर्थक्षेत्र है। यहां से अनंतानंत सिद्ध हुए है। यह अनादि-निधन क्षेत्र है जो कभी भी नष्ट नही हो सकता। यह हमारा पूजनीय तीर्थक्षेत्र है, इसे कभी भी पर्यटन केंद्र नही बनाया जा सकता। सरकार को इस क्षेत्र को पवित्र तीर्थक्षेत्र घोषित करना होगा। जैसे मोबाइल चार्ज करते हैं, वैसे ही करना होगा। समाज में चेतना जागृत करनी होगी। आज यहां हजारों महिलाएं साडी के लिए नही बल्कि शिखरजी के संरक्षण के लिए आई हैं। शिखरजी और अयोध्या दो ही तीर्थ शाश्वत हैं, पूज्य ज्ञानमती माताजी अयोध्या के लिए विहार कर रही हैं।

केंद्र सरकार इस क्षेत्र को पर्यटन केंद्र न बनाकर पवित्र तीर्थ घोषित करे। सरकार तक हमारी आवाज चली जानी चाहिए। सिद्ध महार्चना में देश भर से आए जैन समाज के गणमान्य व्यक्तियों राजेंद्र कटारिया-अहमदाबाद, मनीष गंगवाल-कोलकाता, मनोज जैन-अहमदाबाद, टीकम चंद जैन-केकडी, पवन गोधा, धनेंद्र जैन, धीरज कासलीवाल, प्रमोद जैन लेजर, गजेंद्र बज, शरद कासलीवाल, गजराज गंगवाल, चक्रेश जैन, पुनीत जैन-लाल मंदिर, जिनराज जैन, सुनील जैन मोना जनरेटर, ज्ञानचंद काला, संजय जैन ( विश्व जैन संगठन ) आदि ने चक्रवर्ती, यज्ञनायक, सौधर्म इंद्र, कुबेर इंद्र, ईशान इंद्र, सनत इंद्र आदि की भूमिका निभाते हुए उनके साथ खचाखच भरे पंडाल में हजारों श्रद्धालुओं ने शिखरजी के संरक्षण के लिए संकल्प व्यक्त किया।

विधान के कार्य पंडित संदीप शास्त्री, राजकिंग जैन, डा.श्रेयांस जैन आदि ने संपन्न कराए। पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आदिनाथ, पारस व जिनवाणी चैनल से किया गया जिसे 168 देशों में करोडों लोगो ने देखा। इस सभी चैनल के प्रतिनिधियों तथा सांध्य महालक्ष्मी के श्री शरद जैन, प्रवीन जैन व नवभारत टाइम्स के श्री रमेश चंद जैन ने पूरे कार्यक्रम में भाग लेकर आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर विनयांजली अर्पित की।

महार्चना में शिखरजी से मोक्ष गए बीस तीर्थंकरों के ध्वजारोहण तथा सभी के निर्वाण लाडू भी समर्पित किए गए।
-रमेश चंद्र जैन एडवोकेट