#श्रीमहावीरजी में पंचकल्याणक के बाद महामस्तकाभिषेक का आनंद लीजिए और जानिए महावीर स्वामी जी के 10 अनमोल वचन

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24 नवंबर 2022/ मंगसिर शुक्ल एकम/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

महावीर स्वामी अहिंसा के प्रतीक थे। उन्होंने ‘जियो और जीने दो’ के संदेश को अपनाया। जानिए भगवान महावीर के 10 अनमोल वचन…
1 * अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है अत: हमें ‘जियो और जीने दो’ के संदेश पर कायम रहना चाहिए।
2 * प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता।
3 * शांति और आत्मनियंत्रण ही सही मायने में अहिंसा है।
4 * हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव ही अहिंसा है। घृणा से मनुष्य का विनाश होता है।
5 * सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान का भाव ही अहिंसा है।
6 * सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से ही दुखी होते हैं और वे खुद अपनी गलती सुधारकर प्रसन्न हो सकते हैं।
7 * भगवान महावीर कहते हैं कि खुद पर विजय प्राप्त करना, लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
8 * आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु अपने भीतर रहते हैं। वे शत्रु हैं- लालच, द्वेष, क्रोध, घमंड और आसक्ति और नफरत।
9 * आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।
10 * महावीर हमें स्वयं से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। वे कहते हैं- स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना? जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी।