श्री महावीरजी हरा झंडा, बेकसूर जैन जमानत पर रिहा- दोषी असमाजिक तत्वों पर कोई कार्रवाही नहीं, क्यों? ॰ चैनल महालक्ष्मी ने वहां 600 लोगों को लाने, झंडा लगाने वालों से 36 घंटे में ही सम्पर्क कर लिया, वहीं कमेटी – पुलिस 160 घंटों से मौन

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07 सितम्बर 2022/ भाद्रपद कृष्ण अष्टमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /शरद जैन/EXCLUSIVE

29 अगस्त मंगलवार की वह घटना जो लगभग 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सबसे बड़े अतिशय तीर्थ श्री महावीरजी के गेट पर होती रही। कथित पठान बाबा की पहली शुभ यात्रा के नाम से जिसमें 600 लोग कमालपुरा से 25 किमी की पदयात्रा 28 अगस्त को शुरू करके 29 अगस्त को सुबह श्री महावीरजी पहुंचे। (जिसका पूरा खुलासा चैनल महालक्ष्मी द्वारा एपिसोड नं. 2083 (31 अगस्त), एपिसोड सं. 2085 (01 सितंबर), एपिसोड सं. 2091 (05 सितंबर) में किया जा चुका है)। पर उनमें से किसी पर 160 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाही नहीं की गई, न कमेटी, न पुलिस द्वारा, जिनके पास चैनल महालक्ष्मी 36 घंटे में पहुंच गई (परन्तु श्री महावीरजी कमेटी ने पहले दिल्ली में कार्यरत और दो माह से श्री महावीरजी के जैन भवन में कार्यरत 31 वर्षीय संदीप जैन पर 30 अगस्त को थाने में शिकायत दी, जिसकी तत्काल 30 अगस्त को 224 नं. प्राथमिकी दर्ज हो गई।

तब तीर्थ के मैनेजर, नेमिकुमार जी ने शिकायत में गंभीर आरोप लगाते हुये लिखा कि संदीप जैन ने दो समाजों के मध्य वैमनस्यता एवं अराजकता पैदा करने की दृष्टि से सोशल मीडिया पर .. डाल दिया। जिससे देशभर के जैन अनुयायियों की भावना को ठेस पहुंची। अराजक तत्वों द्वारा झंडा लगाने की बात की गई जिसे कर्मचारियों ने देखते ही मिनटों में हटाने का दावा किया और उनके आरोप पर दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भी जारी कर झूठ की पुष्टि की। वहीं चैनल महालक्ष्मी द्वारा जारी प्रमाणों के अनुसार 600 लोगों की भीड़, वहां तीन घंटे के लगभग बैंड बाजे के साथ रही, झंडा लगाया और कई लोग ऊपर चढ़े, अपने कथित पठान बाबा का हरा झंडा लगाने के लिये।

फिर 05 सितंबर 2023 को अदालत में दिये शपथ पत्र में कमेटी के मैनेजर ने यह स्वीकार किया कि जिसे आरोपी बताया उसने सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं डाली, न कोई द्वेष भड़काने का इरादा था, बल्कि उसने मैनेजर की जानकारी के लिए उनको पोस्ट भेजी थी। कैसा गजब, चोर कोई, जेल किसी को, कमेटी की झूठी शिकायत पर।

चैनल महालक्ष्मी की आवाज और समाज द्वारा गलत शिकायत पर फोन-पोस्टों द्वारा जो आवाज उठाई गई, तब रविवार 03 सितंबर को जयुपर में मीटिंग कर कमेटी ने शपथ पत्र जारी कर सही सच्चाई बताने का निर्णय लिया। शपथ पत्र के लिये 48 घंटे लग गये, जबकि शिकायत में 24 घंटे भी नहीं लगे। फिर 06 सितंबर को अदालत ने 437 द.पु.स. में जमानत दे दी।

इस पूरे मामले का दूसरा पहलू, जो सत्य घटनाक्रम है, उस पर कार्यवाही करते हुये कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल जी ने बताया कि प्रवेश द्वार की सीढ़ियों पर तुरंत गेट लगा दिया गया है, जिससे कोई पुनरावृत्ति न हो। पर चैनल महालक्ष्मी द्वारा यात्रा ला रहे, एक जिम्मेदार व्यक्ति से सम्पर्क किया तो कई और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

1. जैसा श्री महावीरजी कमेटी व भारतवर्षीय तीर्थक्षेत्र कमेटी ने दावा किया कि कुछ असमाजिक तत्व थे, जबकि वो 600 के लगभग थे।
2. दावा – कर्मचारियों ने जैसे ही हरा झंडा लगाते देखा, कुछ मिनटों में हटा दिया, सच्चाई – वे तीन घंटे तक बड़े गेट पर गाना बजाना करते रहे। जिस सीसीटीवी कैमरे (जो क्षेत्र पर 275 लगे हैं) उनमें संदीप जैन का चेहरा पहचान लिया, पर वहीं गेट पर कई कर्मचारी मौजूद थे, उन कसूरवारों पर चुप्पी सचमुच निंदनीय है। कसूरवारों को बचाने के लिये, बेकसूर जैन को जेल में डलवा दिया।

3. 600 लोग वहीं अग्रवाल धर्मशाला में 29 अगस्त को सुबह से दोपहर 2 बजे तक रहें, पर कमेटी को पता न हो, क्या संभव है?
4. कमेटी ने कहा कुछ मिनटों में हरा झंडा हटा दिया, जबकि वह लम्बे समय तक लगा रहा।

5. क्या कथित पठान बाबा की कोई मूर्ति प्रवेश द्वार पर है, जिसका दावा चैनल महालक्ष्मी से उनके जिम्मेदार व्यक्ति ने किया और यह भी कहा कि वह मैनेजर से कार्यालय में जाकर मिला, जिन्होंने कमेटी के बड़े फंड में से कथित पठान बाबा की मूर्ति के पास काम कराने का कहा। इस बारे में कमेटी तत्काल खुलासा करे।
6. बेकसूर को जेल भिजवाने के लिये कौन जिम्मेदार है, उस पर क्या, कार्रवाही नहीं होनी चाहिए?

7. जो कर्मचारी सारे घटनाक्रम को देखते रहे, रोका नहीं, उन दोषियों पर क्यों कार्यवाही नहीं? क्या कोई मिलीभगत है?
ऐसे कई सवाल हैं, जिन पर कमेटी को सार्वजनिक रूप से समाज के हित में खुलासा तत्काल करना चाहिए।