महावीर चाट भंडार, आदिनाथ पकोड़े वाला, अरिहंत होटल या अहिंसा पराठे वाला- बिना पहचान क्यों लग रही दुकान, मंदिरों की कमेटियों को रहना होगा सावधान

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त्रिलोक तीर्थ, बड़ागांव, उत्तर प्रदेश में कल जैन शिकंजी के नाम पर चिकन बिरयानी बेचनेवालों का विरोध करने पर जैन यात्रियों पर गांव के 100 से भी ज्यादा मुस्लिम युवकों ने हमला बोला। यात्रियों से भरी बस को जिंदा जलाने की कोशिश की गई।
यात्री भयभीत होकर भागे, बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई…पुलिस पहुंचते ही वह लोग भाग गए…

ये जो कल बड़ागांव की घटना है वो सभी तीर्थक्षेत्रों और तीर्थयात्रियो के लिए खतरे की घण्टी है। कितने ही तीर्थक्षत्रो पर विशेष सम्प्रदाय के लोग खाने पीने के सामान का ठेला या रेहड़ी लगाते है और ये सभी ठेलो का नाम झूठा होता है, उदारहण के तौर पर, महावीर चाट भंडार, आदिनाथ पकोड़े वाला, अरिहंत होटल या अहिंसा पराठे वाला, इनमे से कितनो को तो ये तीर्थक्षत्रो की मैनेजमेंट कमिटी ही अनुमति देती है वो भी बिना पुलिस वेरिफिकेशन के, ये लोग आराम से तीर्थक्षेत्रों की भूमि पर ही अभक्ष्य खाना खाते है।

कितने ही तीर्थक्षेत्रों की जमीनों पर तीर्थक्षेत्रों की कमिटी ध्यान ही नही देती है। अभी श्री महावीरजी में ही करीब 3 सालो से 1 विशेष सम्प्रदाय वाले का ठेला लगता है, दिल्ली वालों की धर्मशाला के सामने जबकि वही जमीन मंदिरजी के अधिग्रहण में आती है पर ये लोग बिना रोक टोक के वहा अपना धंधा जमा रहे है।

और अभी 4-5 बच्चे और उन्ही सम्प्रदाय की 3-4 औरतें बुरखा पहने हुए पैसे मांगते हुए दिखाई देते है वो भी महावीरजी मंदिर के सामने। वो बच्चे बिना रोक टोक के किस भी यात्री के पीछे पड़ जाते है और कभी कभी जेब पर भी हाथ डाल देते है।
केवल पढ़ने के लिए नहीं चिंतन के लिए है, बिना पहचान क्यों लग रही दुकान, मंदिरों की कमेटियों को रहना होगा सावधान