क्यों हटनी चाहिए अपूज्य फोटो, #शिरपुर #अंतरिक्ष_पार्श्वनाथ मंदिर की गद्दी से? दिगंबर समाज में भेदभाव फ़ैलाने वाले कौन ? कमेटी का क्या है दोगलापन ?

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15 अक्टूबर 2022/ कार्तिक कृष्णा षष्ठी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
हां मैं कट्टर मुमुक्षु रहा हूं । मेरे पिताजी मुमुक्षु में मंत्री रहे थे । जो लोग आचार्य श्री पर दिगंबरो के बांटने की बात करें , वे अपने गिरेबान में झांक ले और ध्यान रहे यह फोटो तो हटकर रहेगा क्योंकि वास्तु के बारे में सब ने कहा है कि इस फोटो के कारण विजय अवरोधक हो रही है, ऐसे ही स्पष्ट निर्भीक बातें रखी चैनल महालक्ष्मी से एलक श्री सिद्धांत सागर जी महाराज ने । इससे पूर्व चैनल महालक्ष्मी ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज से शिरपुर पर निष्पक्ष बात रखने तथा 20 को 13 या 13 को 20 में बदलने की परंपराएं या जबरन महिला अभिषेक आदि करने के संबंध में निर्भीक बात करने के लिए, आगे भी जारी रखने हेतु आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद, आचार्य श्री से संकेत अनुसार महाराज से लंबी चर्चा की कि कैसे मुक्त कराएं अपने अंतरिक्ष पारस प्रभु को, जो बरसों से आपसी विवाद के कारण, आज भी तालों में बंद है ।

भक्त न ही अभिषेक कर सकते हैं ,बल्कि उनके पास नीचे प्रांगण में जाना भी बिल्कुल निषेध है। इस बारे में दिगंबर समाज का एक वर्ग आचार्य श्री पर नापाक टिप्पणियां कर ,समाज को बांटने के तर्क ही आरोप लगाने में जुटा है । इस बारे में भी आचार्य श्री से संकेत लेने के बाद चैनल महालक्ष्मी ने महाराज से स्पष्ट सीधी सीधी बात करी कि क्यों दिगंबरों को एक वर्ग में आप अलग कर रहे हैं या फोटो इतनी ज्यादा बवाल का कारण बन रही है, जबकि मूल बात तो दिगंबर श्वेतांबर के बीच है । उन्होंने अन्य कई प्रदेशों से आए मुमुक्षु के बीच अपनी बातें स्पष्ट रूप से रखी । उन्होंने अपने अतीत में समाज को एक करने की बात दोहराते हुए, ऐसी कई बातें सामने रखी कि कैसे अपने को दिगंबर कहने वाला एक वर्ग दोगलापन दिखा रहा है।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कैसे फोटो हटने से पहले ही एक तीर्थ क्षेत्र कमेटी का कथित पदाधिकारी पत्र लिख देता है, उसको जानकारी कौन देता है , जबकि उस समय कुछ नहीं होता। कहीं ना कहीं अंदर ही कुछ ना कुछ चाल चली जा रही है, महाराज ने यह खुलकर कहा कि कमेटी ने आचार्य श्री के चतुर्मास से पहले उन्हीं के दिशा निर्देश में, उन्हीं के अनुसार चलने का भरोसा दिया था। पर अब अपने ही वादों से मुकरते हुए डबल गेम खेलना शुरू कर दिया है । यह सचमुच चिंतनीय है।

उन्होंने कहा कि उन पर दबाव आ गया है, जो तीर्थक्षेत्र कमेटी में तथाकथित पदाधिकारी भी हैं और इस बारे में उन्होंने चैनल महालक्ष्मी को उनका हस्ताक्षरित पत्र भी दिया और उन्होंने बताया कि यहां की कमेटी से कभी भी, कोई भी, शिकायत किसी के द्वारा नहीं की गई जबकि कानजी स्वामी ट्रस्ट के अध्यक्ष के कहने पर और हकीकत में वही फूट का कारण है । लोग हकीकत नहीं जान रहे और उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी जैनों को एक होना पड़ेगा। एक होना चाहिए। चाहे वह किसी पंथ या संत को मानते हो। यही संदेश आचार्य श्री देते हैं।

क्यों हटनी चाहिए अपूज्य फोटो, शिरपुर #अंतरिक्ष_पार्श्वनाथ मंदिर की गद्दी से? इस पर उन्होंने बेबाक टिप्पणी की। आचार्य श्री बांटने की नहीं, जोड़ने की बात करते हैं , इसका भी उन्होंने सही रूप में जवाब दिया। जो गलतफहमियां समाज के बीच फैलाई जा रही हैं, उसके पीछे कौन है? कैसे विजय रथ मानो रुका हुआ है एक फोटो के कारण? क्या है जन आंदोलन? क्यों दिगंबर समाज में भेदभाव की बातें लोग डाल रहे हैं ? ऐसे अनेकों सवाल , जो आप सबके मन में उभरते हैं, उन सब के बारे में चैनल महालक्ष्मी ने खुलकर चर्चा की और वही आपको मंगलवार 18 अक्टूबर रात्रि 8:00 बजे आपके सभी जिज्ञासाओं शंकाओं व प्रश्नों के समाधान एलेक श्री सिद्धांत सागर जी महाराज के मुख से मिलेंगे और सही पक्ष, सही बात , आप तक पहुंच पाएगी।

चैनल महालक्ष्मी सदैव प्रयासरत रहेगा कि जैन समाज एक रहे, छोटी-छोटी बातों पर बंटे नहीं। पर जब सही बात कहनी हो, तो कोई वर्ग जैनों के बांटने की दलील दे तो वह भी स्वीकार नहीं होनी चाहिए। जो प्रतिमा जिस रूप में है वह उसी रूप में माननी चाहिए और अगर पूज्यता का सवाल हो तो वहां पर अपूज्यता बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

सच को कहने के लिए चैनल महालक्ष्मी सदा अपने को समर्पित करता रहेगा और मंगलवार 18 अक्टूबर रात्रि 8:00 बजे पहले भाग में आपकी सारी शंका का समाधान कि क्यों बड़ा विवाद, इस फोटो के बवाल से , उसका खुलासा करेगा।