राजगृह (नालन्दा/बिहार) :- प्रकृति के सुरम्य वादियों से अलंकृत देवाधिदेव बीसवें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रतनाथ स्वामी की गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान कल्याणक, वर्तमान शासन नायक महावीर स्वामी की प्रथम देशना भूमि तथा तेईस तीर्थकरों की समोशरण स्थली में अवस्थित श्री राजगृही जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र धर्मशाला मन्दिर में दिनांक – 20/08/2021 दिन शुक्रवार को भव्य जिनचौबीसी मानस्तम्भ शिलान्यास समारोह साडोरा (मध्यप्रदेश) से आये पंडित राज कुमार जैन शास्त्री जी के मंगल सानिध्य में सम्पन्न किया गया।
विदित हो कि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्रमण श्री 108 अरिजित सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से जिन चौबीसी मानस्तम्भ का निर्माण किया जा रहा है। मानस्तम्भ शिलान्यास समारोह विधिवत पूजन प्रातः भक्तजनों ने णमोकार महामंत्र के जयकारे लगाते हुए मंगलाष्टक के साथ प्रारम्भ किया। सर्वप्रथम यंत्र सिंघासन में विराजमान कर शांतिधारा कर शांति विधान का कार्यक्रम के पश्चात हवन आदि कार्य निर्विघ्न पूर्वक सम्पन्न कर मानस्तम्भ निर्माण हेतु ईंट रखकर कार्य का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम की विशेष जानकारी देते हुए बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र के मानद मंत्री पराग जैन ने बताया कि राजगृही की पावन भूमि पर मानस्तम्भ का निर्माण होना तीर्थ के लिए एक अच्छा संकेत है इस कार्य के सम्पन्न हो जाने से तीर्थ वंदना को आने वाले सभी जैन धर्मावलंबियों का तीर्थ के प्रति आस्था और बढ़ेगी और क्षेत्र की विकास कार्य को गति प्रदान करेगी।
प्रबंधक विजय कुमार जैन ने कहा कि – “गुरुवर आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य श्रमण 108 अरिजित सागर जी महाराज के पावन आशीर्वाद से निर्मित होने वाले भव्य चौबीसी मानस्तम्भ बनना एक सौभाग्य की बात है। राजगीर की धरा जहाँ तीर्थकरों के पावन चरणों से पवित्र तथा कल्याणकारी दिव्य देशना से गुंजित तीर्थ हो वहाँ गुरुवर का आशीर्वाद मिलना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। ऐसे पावन तीर्थ की हम सभी वंदन करते हुए तीर्थ विकास के लिए सम्पूर्ण जैन समाज से आग्रह करते है।
– रवि कुमार जैन ,राजगीर कोडरमा मीडिया प्रभारी