शिखरजी वंदना इंतजार बड़े हादसे का!
सान्ध्य महालक्ष्मी 08 अक्टूबर 2021
गत दिनों में गुलाब चक्रवात के कारण हुई अतिवृष्टि के कारण अनेक जगहों पर वंदना पथ टूट गया है, अनेक जगहों की सीमेंट परत के नीचे की मिट्टी निकल कर बह गई है। पर्वतों के क्षरण से वंदना पथ पर अवरोध न हो, इसके लिए बनाई गई वॉल गार्ड जो पहले भी कई जगहों से क्षतिग्रस्त थी, अब तो 20-25 जगहों पर टूट गई है।
कोरोना महामारी के तांडव के शांत होने के बाद अब भारी संख्या में तीर्थयात्री सबसे बड़े जैन तीर्थ शिखरजी जा रहे हैं और वंदना के लिये रात्रि डेढ़-दो बजे निकलते हैं। वंदना पथ पर पहले से ही लाइट व्यवस्था ना होने के कारण अंधेरे में ही कदम बढ़ते हैं। कुछ टार्च की जरा सी हल्की रोशनी में अंदाजे से ही बढ़ते हैं, जिनमें 8 वर्ष के बालक से 80 वर्ष के बुजुर्ग भी लाठी टिकाते वंदना करते हैं।
27 किमी की यह वंदना यात्रा के शुरू के 3-4 किमी में तो स्थिति बहुत खतरनाक हो गई है। तीर्थक्षेत्र कमेटी की ओर से वरिष्ठ प्रबंधक शिखरजी द्वारा सोमवार 04 अक्टूबर को इस संदर्भ में कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, गिरडीह को पत्र भी लिखा गया है, पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, जैसे सरकार भी पहल के लिये किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है। (सान्ध्य महालक्ष्मी की वरिष्ठ टीम इसकी पूरी वस्तुस्थिति जानने के लिये शीघ्र शिखरजी जाने की संभावना है।)
ध्यान रहे, शिखरजी का पूरा क्षेत्र (केवल टोंकों को छोड़कर) वन विभाग के अंतर्गत आता है, जिसमें कोई भी निर्माण कार्य, उन्हीं की स्वीकृति – अनुमति से झारखंड प्रशासन के संबंधित विभाग करवाते हैं। पर इस गुलाब चक्रवात के बाद 27 किमी के वंदना मार्ग की स्थिति काफी शोचनीय है। एक तरफ झारखंड सरकार ने अभी हाल में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन जारी कर शिखरजी वंदना के लिए पूरे देश से लोगों को आमंत्रित किया, पर दूसरी तरफ यहां वंदना मार्ग को सुधारने पर कोई कार्यवाही नहीं की।