लाल किले मैदान से उठाई राष्ट्रसंत मुनि श्री विहर्ष सागर जी ने आवाज और संसद में हुआ उसका आगाज, चैनल महालक्ष्मी का सभी कमेटियों की ओर से हार्दिक धन्यवाद

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20 दिसंबर 2022/ पौष कृष्णा दवादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /

रविवार 18 दिसंबर को लाल मंदिर के सामने, लाल किला मैदान पर,राष्ट्रसंत मुनि श्री विहर्ष सागर जी ने , जो शंखनाद किया था, उसकी धमक आज संसद भवन में, लोकसभा में गुंजायमान हो गई। इसीलिए कहा जाता है कि चोट और आवाज, इतनी तेज हो, जिसकी धमक दूर दूर तक , राजनीतिक गलियारे में, सामाजिक गलियारों में भी , उनको गुंजायमान कर दे । लालकिला मैदान पर , विहर्ष गर्जना को, अभी 48 घंटे भी नहीं बीते थे, कि उसकी आवाज , दिल्ली के सांसद श्री मनोज तिवारी जी के मुख से, पूरी लोकसभा को गुंजायमान कर गई और तत्काल मंत्री जी ने जवाब दिया,।

मुनि श्री विहर्ष सागर जी ने, लाल किला मैदान पर, स्पष्ट नपे तुले शब्दों में कहा था कि श्री सम्मेद शिखरजी, जैनों का पवित्रतम तीर्थ है , जिसका कण कण, पूजनीय और वंदनीय है और आज उसी आवाज को आगे बढ़ाते हुए, उस दिन, उस मंच पर मौजूद, सांसद श्री मनोज तिवारी जी ने संसद के गलियारे तक, पहुंचा दिया और स्पष्ट संदेश, शब्दों में कह दिया

हां , सांसद श्री मनोज तिवारी जी ने मंच पर भी वादा किया था और उससे पूर्व जब उनके निवास पर मुनि श्री विहर्ष सागर जी संघस्थ रीना दीदी के साथ चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी की टीम(शरद जैन और प्रवीन जैन) और टीनू जैन के साथ उन्हें आमंत्रित करने गई थी। तभी उन्होंने विश्वास दिलाया था कि विश्वास रखिए मैं , लाल किला मैदान पर ही नहीं आऊंगा, बल्कि अब आपकी आवाज संसद में जरूर पहुंचाऊंगा

और उन्होंने इस बात को पूरी तरह रेखांकित कर दिया, जब उन्होंने महज 48 घंटे के अंदर , आज मंगलवार 20 दिसंबर को लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष महोदय से इस बात की मांग रखी कि झारखंड सरकार और केंद्र सरकार, जैन समाज की इस बात को गंभीरता से लें कि उस जैन तीर्थ को पर्यटन के रूप में झारखंड सरकार देख रही है और वहां पर, मुर्गी पालन, मछली पालन जैसे कुटीर उद्योग अगर वहां खुलेंगे, तो निश्चय ही अहिंसा और शाकाहार को विश्व में जन जन तक पहुंचाने वाले तीर्थंकरों की, मोक्षस्थली कही जाने वाली श्री सम्मेद शिखरजी के सम्मान, पूज्यता और पावनता को ठेस पहुंचेगी। इसलिए केंद्र व राज्य सरकारों को, इस पर तत्काल सही कार्यवाही करनी चाहिए।

ध्यान रहे जैन समाज की हमेशा यही मांग रही है कि अधिकृत गजट से श्री सम्मेद शिखरजी को, पर्यटन के रूप में नहीं, पवित्रतम जैन तीर्थ के रूप में, ही शामिल किया जाए तथा वहां पर, किसी भी प्रकार के छोटे, बड़े, कुटीर, किसी भी प्रकार के उद्योगों को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए, साथ ही इस जैन तीर्थ क्षेत्र को, पर्यटन के रूप में भी बढ़ावा नहीं देना चाहिए और न ही पर्यटन रुपी कोई घोषणा या कार्यवाही भी नहीं करनी चाहिए। जैन समाज की इस मांग को लोकसभा में पहुंचाने के बाद, माननीय सांसद से समाज की यह भी अपील है कि इस से संबंधित पदाधिकारियों की उच्च स्तरीय कमेटी से भी मीटिंग करवा कर इस पर त्वरित कार्यवाही के लिए अपना सहयोग प्रदान करेंगे । चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी उनका हार्दिक धन्यवाद देता है।

इसके लिए चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी ही नहीं, वरन यमुनापार दिगंबर जैन समाज व जैन धर्म संरक्षण महासंघ के साथ, देश की सभी कमेटियां संगठन और समितियां भी आपको धन्यवाद देती है। इस संबंध में आपसे विनम्र अनुरोध है की इको सेंसेटिव जोन के लिए जारी गजट में, जैन समाज की ओर से सभी कमेटियां जिनमें शामिल है अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी (रजि.),अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासभा (रजि.) ,अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन शास्त्री परिषद (रजि.), दिगंबर जैन महासमिति (रजि.) ,अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन विद्वत परिषद (रजि.) ,श्री दिगंबर जैन महासमिति (रजि.) , दिगंबर जैन परिषद (रजि.), कर्नाटक महासभा ,अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन युवा परिषद् (रजि.), श्री महावीर जी तीर्थ क्षेत्र ,ऋषभदेव विद्वत परिषद् , ग्लोबल महासभा (रजि.), जैन पत्रकार संघ, (रजि.)अखिल भारतीय जैन पत्र संपादक संघ (रजि.),यमुनापार दिगंबर जैन समाज दिल्ली (रजि.) भारतीय जैन मिलन , श्रुत सेवा संस्थान , जैन सभा दिल्ली, स्याद्वाद युवा क्लब (रजि.) , जैन धर्म संरक्षण महासंघ (रजि.), पारस चैनल; चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी, जिनवाणी, आदिनाथ चैनल, समग्र जैन महासभा समाज , प्रकाश भवन सम्मेद शिखर , धार्मिक न्यास बोर्ड ; प्रबुद्ध जैन विचार मंच, जैन एकता मंच, समाचार जगत; गुड़गांव तीर्थ क्षेत्र; इंडियन फेडरेशन ऑफ अहिंसा ओर्गनाईजेशन, कोलकाता तथा अन्य कई समिति

निम्न 2 संशोधन चाहती हैं , जो निम्न प्रकार है:
पहला , श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र नहीं, अहिंसक , शाकाहार , पवित्र जैन तीर्थ घोषित किया जाए तथा
दूसरा, इस पवित्र जैन तीर्थ क्षेत्र तथा इसके 1 किलोमीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के छोटे, बड़े , कुटीर उद्योग, बिल्कुल निषेध हो ।
यह तीर्थ क्षेत्र मधुबन मोड़ से तलहटी तक, वंदना मार्ग होते हुए, चोपड़ा कुंड से अभिनंदन टोंक पर तक तथा दूसरी तरफ चंदा प्रभु टोंक से पारसनाथ टोंक तक के क्षेत्र तथा इसकी सीमा से विस्तारित एक किलोमीटर और चारों तरफ परिधि के साथ हो।
आशा ही नहीं ,विश्वास है, कि आप इस संबंध में संबंधित मंत्रियों तक, इस बात को पहुंचाने व संशोधन कराने में, जैन समाज का पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।


वैसे तो संसद में कई सांसद श्री सम्मेद शिखर जी की पावनता बरकरार रखने के लिए आवाज उठा चुके हैं, पर लाल किला मैदान के बाद संसद में 48 घंटे में हीं आवाज उठाने वाले, सांसद श्री मनोज तिवारी जी के प्रश्न पर तत्काल मंत्री जी ने जवाब दिया, और स्पष्ट किया कि केंद्र उसकी पावनता बरकरार रखने के लिए कटिबद्ध है। यह जो मुद्दा जैन समाज उठा रहा है, उसका कारण और निजात केवल झारखंड सरकार को करनी है।
इसकी पूरी रिपोर्ट चैनल महालक्ष्मी के बुधवार, 21 दिसंबर के प्रातः 8:00 के एपिसोड में आप जान सकते हैं।
शरद जैन