क्या यह सच है कि केंद्रीय मंत्री ने #शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने की अधिसूचना वापस लेने का कोई ठोस आश्वासन दिया?

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24 अक्टूबर 2022/ कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
चैनल महालक्ष्मी को दिनांक 23 अक्टूबर एक जैन संगठन द्वारा भेजा गया खुला पत्र मिला और कई जगह विभिन्न सोशल मीडिया पर, कई ऐसी टिप्पणियां मिली,

जिनमें चैनल महालक्ष्मी द्वारा धन्य तेरस 22 अक्टूबर को जैन समाज को दी गई शिखरजी से संबंधित जानकारी को भ्रमित समाचार और आंदोलन समाप्त करने की साजिश तक शायद कहा गया।

क्या चैनल महालक्ष्मी ने झूठी जानकारी दी?
क्या जैन समाज को भ्रमित करने की कोशिश की?
क्या कोई राजनीतिक षड्यंत्र है जिस पर चैनल महालक्ष्मी कार्य कर रहा है?
क्या जैनों के हित में ऐसे भ्रामक समाचार दिए गए जिनका कोई प्रमाण नहीं था?
ना ही कोई उसका कोई आधार था?


इस बारे में एक संपूर्ण रिपोर्ट कि 2 अगस्त 2019 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा झारखंड राज्य की रिपोर्ट पर, उसे श्री सम्मेद शिखरजी जैन पावन तीर्थ स्थल को पर्यटन के लिए अधिसूचित करने की 5 अगस्त को अधिकृत गजट जारी किया गया , उसको वापस लेने की क्या केंद्रीय सरकार द्वारा कोई पहल की जाएगी ?

ऐसे कोई ठोस आश्वासन केंद्रीय मंत्री द्वारा किया वास्तव में दिए गए थे ?
क्या कोई जैन बड़ी कमेटी उनसे मिलने भी गई थी?

इन सब की सच्चाई का खुलासा चैनल महालक्ष्मी बुधवार 26 अक्टूबर 2022 प्रातः 8:00 बजे के एपिसोड में करेगा।

केवल इसलिए कि जैन समाज का अहित तो नहीं कर रहे या फिर कोई किसी को अनजाने या जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश तो नहीं कर रहा?
जब समाज को एक होने की आवश्यकता है तब ऐसी आवाजें क्यों उठ रही है?
प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती और सच्चाई तो सामने आनी ही चाहिए, जब अनर्गल पोस्ट सोशल मीडिया पर चलने लगे।