#शिखरजी: रिश्वत, सांठगांठ, भ्रष्टाचार में हमारी कमेटियां, धर्मशालाएं, डॉक्टरों, अस्पतालों और पुलिस, प्रशासन के साथ सांठगांठ करके, यात्रियों से हजारों की अवैध वसूली

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27 सितम्बर 2022/ अश्विन शुक्ल द्वितीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
“आज चैनल महालक्ष्मी यह जरूर कह रहा है कि 5000 की रिश्वत देकर तेरापंथी कोठी के मैनेजर ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। मैं चैनल महालक्ष्मी को चैलेंज करता हूं कि वह 5000 में एक बार सरकारी अस्पताल से डेथ सर्टिफिकेट बना कर दिखा दे , मैं अपनी पॉकेट से 50000 दूंगा वरना एक लाख लूंगा।“ यह खुला चैलेंज किया है तेरापंथी को थी के वरिष्ठ मैनेजर ने ।

अरबों का दान तीर्थ क्षेत्र कमेटी पर आता है , पर सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं कर पाता है ,यह भी आरोप है तेरापंथी कोठी के मैनेजर का।

सवाल यह भी उठता है कि क्यों नहीं पहाड़ पर टावर लगते हैं, जिससे हर कोई मोबाइल से कनेक्टिविटी में रह सके ।
सवाल यह भी है क्यों नहीं एक हेल्पलाइन नंबर जारी होता। क्यों नहीं मिलती ऊपर प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं।
क्यों है मुफ्त मिलने वाला मृत्यु प्रमाण पत्र हजारों की रिश्वत में।
किसी दुर्घटनाग्रस्त को , घायल को जब नीचे आना होता है तो क्यों नहीं डोली आदि की सुविधा मिलती निशुल्क, जिसका भुगतान नीचे कमेटियों में से किसी की जिम्मेदारी हो।
सवाल कई उठते हैं , पर कमेटियां मौन हो जाती हैं दान में पहल पर, सुविधा में हम आंखें मूंद लेते हैं।

आप सोच नहीं सकते कि आज भ्रष्टाचार, रिश्वत, अनाचार, किस कदर जैन समाज के सबसे बड़े अनादि निधन तीर्थ पर हमारी कोठियों , धर्मशाला में पुलिस, प्रशासन, डॉक्टर, सबका एक गहरा चक्रव्यह बनकर, आज तीर्थ यात्रियों में दीमक की तरह , उनको चूसता जा रहा है। तेरापंथी कोठी सीधा आरोप लगाती है अखिल भारतवर्षीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी पर कि जो पहाड़ पर हुआ, सब ने आंखें मूंद रखी हैं और अरबों रुपए का दान, तीर्थ क्षेत्र कमेटी को मिलता है, पर पहाड़ पर कोई व्यवस्था नहीं करता है । यही नहीं, फर्स्ट एड के जो डिब्बे लगे हैं उसमें महाराज के कारण अभी शायद कुछ मिलता है वरना वह हर समय बंद रखे जाते हैं। इतने बड़े दान का तीर्थ क्षेत्र कमेटी क्या करती है यह भी एक कमेटी दूसरी कमेटी पर खुला आरोप लगाती है।

चैनल महालक्ष्मी ने 23 सितंबर को हुए दिवंगत श्री कैलाश जैन जी के परिवार से, उनके अनुरोध पर जो चर्चा की गई। वह सचमुच सबको हैरान कर देती है। हमारी संवेदनाएं किस तरह की हैं, या कहीं इंसानियत ही पूरी तरह मर चुकी है। वंदना कर कर हम अच्छे इंसान क्या बनेंगे, जब हम अपने ही सामने किसी को तड़पते हुए जरा सी इंसानियत नहीं दिखा पाएंगे। 50,000 के लगभग डोलिया हैं जिसमें एक बड़ी संख्या में गैर पंजीकृत हैं और वह किस तरीके से यात्रियों को परेशान करती हैं, यह भी किसी से छुपा नहीं है। अभी तक उस डोली वाले का पता लगाने में कमेटियां हो या मजदूर डोली संगठन दोनों ही असफल है।

क्या अब जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ पर, रिश्वत, सांठगांठ, भ्रष्टाचार में हमारी कमेटियां, धर्मशालाएं, डॉक्टरों, अस्पतालों और पुलिस, प्रशासन के साथ सांठगांठ करके, यात्रियों से हजारों की अवैध वसूली कर रही है ।

ऐसा आप सोच नहीं सकते, पर शायद हकीकत में यही होता है। इसका खुलासा होता है जब यही शिखरजी में 23 सितंबर को सागर के 55 वर्षीय कैलाश चंद जैन जी की गंधर्व नाले से पहले अकस्मात दिल का दौरा पड़ने से, वहीं पर असमय स्वर्गवास हो जाता है और उसके बाद लूट खसोट की शुरुआत होती है। सबसे पहले डोली वालों से।

पर हां डोली से पहले, हम लोग जो यहां तीर्थ यात्रा करने, पुण्यों का अर्जन करने जाते हैं और वहां जाकर, हम भी इंसान से शैतानियत में उतर आते हैं । इंसानियत मानवता हम जैसे वंदना से पहले छोड़ जाते हैं या हमारे अंदर की इंसानियत किसी और के मरने से पहले इस समय अपने अंदर मर जाती है।डॉक्टर खुलकर मृत्यु प्रमाण पत्र पर, जैसे लाशों से भी रोटियां सेकने में, यहां पर बहुत माहिर हो गए हैं और उसका जरिया भी है हमारी कमेटियां, जो खुलकर चेंलेंज करती हैं।

ऐसी बहुत बड़ी एक हैरान करने वाली एक्सक्लूसिव रिपोर्ट, आज रात्रि 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी पर। यह कैसी लाशों पर होती सांठगांठ, जहां हमारी कमेटी, डॉक्टर,पुलिस, प्रशासन से मिलकर करती सबको परेशान और खुलकर होती लूट खसोट की बारिश । जरूर देखिए आज रात्रि 27 सितंबर रात्रि 8:00 बजे शिखरजी पर कमेटियों की सांठगांठ का ऐसा खुलासा, जिसको देखकर पूरा समाज शर्मसार हो जाता है।