4 जनवरी 2022/ पौष शुक्ल त्रयोदिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /
केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों से सूत्रों से, चैनल महालक्ष्मी को मिली जानकारी के अनुसार, देशभर में चल रहे जैन समाज के आंदोलन से, अब केंद्र जैन समाज के हित में कोई बड़ा एक्शन लेने की तैयारी के मूड में आ गया है अब तक राजनीतिक मंचों पर , मीडिया में विभिन्न शो के दौरान , एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के बाद, जहां राज्य सरकार के मुख्यमंत्री अभी भी इसकी कानूनी जानकारी लेने को उत्सुक नहीं हो रहे , वही केंद्र, जो अब तक राज्य सरकार के पाले में गेंद डाल रहा था।
अब उसके पर्यावरण मंत्रालय, वन विभाग, पर्यटन मंत्रालय, ऊपर से मिले निर्देशों के अनुसार, होमवर्क करने में लग गया है , अपनी कानूनी परामर्श के साथ , जैसा चैनल महालक्ष्मी को सूत्रों से जानकारी मिली है। अब जैन समाज के सबसे बड़े पवित्र तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी के लिए केंद्र, राज्य सरकार से कोई अपील नहीं करेगा, बल्कि उसके आदेशों को ओवर रूल करने की तैयारी में है ।
अगर कागजों को देखें तो 2019 में जहां, झारखंड सरकार ने श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया, वही केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 के इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना के अंतर्गत, इसमें ईकोटूरिज्म आदि कई पर्यटन की बातें राज्य सरकार की अनुमोदना पर डाल दी। यह कहे कि दोनों ही केंद्र और राज्य सरकारें , आज जब जैन आंदोलन पूरे उफान पर है । अपनी अपनी गलती स्वीकार ने की बजाए, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगा रही है दोनो सरकारें।
पर अब केंद्र ने , इन पर विराम लगाते हुए होमवर्क करना शुरू कर दिया है और आशा करते हैं कि शीघ्र जैन समाज को केंद्र, एक अच्छी खुशखबरी दे सकता है। यह सब जानकारी चैनल महालक्ष्मी को केंद्रीय मंत्रालयों के सूत्रों से मिली है ।