प्रधानमंत्री महोदय- पश्चिम में पालीताणा के बाद पूर्व में जैन सर्वोच्च तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी को भी पवित्र शाकाहार धार्मिक क्षेत्र घोषणा हेतु

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दिनांक: 19 जनवरी 2022
श्री नरेन्द्र मोदी जी,
माननीय प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल,
नई दिल्ली-110011

विषय -पश्चिम में पालीताणा के बाद पूर्व में जैन सर्वोच्च तीर्थ
श्री सम्मेद शिखरजी को भी पवित्र शाकाहार धार्मिक क्षेत्र घोषणा हेतु

आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय,
सादर जयजिनेन्द्र,

आपके नेत्तृत्व में भारत देष धर्मप्रधानता को सार्थक कर रहा है। लोकसभा के अंतिम सत्र में पूरे सदन से ‘मिच्छामी दुक्कड़म’ कहना प्रमुख जैन संत आचार्य श्री विद्यासागर जी के दर्षन करना और मन की बात में जैन संत की पानी पर भविष्यवाणी याद करना और विभिन्न मंचों पर जैन तीर्थों- संतों को याद करना, निःसंदेह आपकी दूर दृष्टि व ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विष्वास’ को सार्थक किया है।

आज आपका ध्यान जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ श्री सम्मेदषिखरजी ओर आकृष्ट करना चाहेंगें और वैष्णव धर्म के चारों धाम की तरह यह जैनों का धाम है, जिसकी रज-रज से आज भी आनंद और शांति की अनुभूति होती है, जिसका आप स्वयं अनुभव कर सकते हैं। अपने व्यस्त कार्यक्रम में अगर कभी समय मिले तो निश्चय ही इस धरा पर धर्म का, आनंद का, शांति का, लाभ लीजिएगा।

इस पावन धरा की वंदना 27 कि.मी. सात पहाड़ों में फैली है, जिसका 8 साल से 80 साल उम्र वाले तक सभी बिना जल आदि बिना ग्रहण किये नंगे पैरों से 10-14 घंटों में वंदना करते हैं, कहा जाता है कि निर्मल भावों से की गई वंदना से, नरक व तिर्यंच गति का बंध नहीं होता।

हर युग में इस शाष्वत धरा से सभी 24 तीर्थंकर मोक्ष जाते हैं और जाते रहंेगें। इस बार हुण्डा अवसर्पिणी काल के कारण 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष गये। यहां के भयानक जंगलों में खतरनाक जंगली जानवर आज भी रहते हैं, जिन्होंने किसी भी यात्री या आदिवासी पर हमला नहीं किया। संभवत यही ऐसा अद्वितीय तीर्थ है। स्थानीय आदिवासी भी सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहते हुए जैन यात्रियों का तीर्थयात्रा में सहयोग करते हैं।

कुछ समय से इस धार्मिक क्षेत्र को, घूमने-मौज-मस्ती का क्षेत्र बनाया जा रहा है, स्वच्छंदता इतनी बढ़ गई है कि मांस, मदिरा, धूम्रपान आदि का सेवन होने लगा है। अहिंसा व शांतप्रिय जैन समाज के लिये यह बहुत बड़ा आघात है। पष्चिम में जैन क्षेत्र पालीताणा जहां विष्व का पहला शाकाहारी पावन क्षेत्र घोषित हुआ, उसी तरह पूर्व में इसे भी शाकाहारी धार्मिक स्थल घोषित करने का जैन समाज आपसे अनुरोध करता है।

यह तीर्थ पावन, शाकाहार बना रहे , इसके लिए संविधान की धारा 29 के अंतर्गत आपकी केन्द्र सरकार उचित कदम उठाये, यह आषा लाखों जैनों को ही नहीं, करोड़ों धर्मप्रेमियों की भी है।
आषा है आप उचित निर्देश जारी कर अनुग्रहित करेंगें।

मिच्छामी दुक्कड़म,
भवदीय
(शरद जैन)
महामंत्री
मो. 9717494979
Mail id :info@channelmahalaxmi.com