लगातार पांच कड़ियों में चैनल महालक्ष्मी ने शिखरजी में सुविधायें, बदलती दुविधाओं की जानकारी दी थी, जिसमें एक कड़ी में डेढ़ साल से बंद भाताघर का खुलासा 26 दिसंबर 2021 (देखें वीडियो इस लिंक पर https://youtu.be/XbfPNZWckEM ) को किया था, जबकि साथ ही श्वेताम्बर सोसायटी के यात्रिक भवन के सुचारू रूप से चलने की जानकारी भी थी।
वंदना के लिए जाते और फिर वापस लौटते मल-मूत्र के विसर्जन का जलमंदिर के अलावा यही एकमात्र स्थान है, जिसके बंद रहने से रोजाना हजारों यात्रियों को निश्चित ही असुविधा रहती है। हर कोई अपने शाश्वत तीर्थ को पावन ही रखना चाहता है, पर सर्दियों में 8-10 घंटे बगैर मूत्र त्याग के मुश्किल होना स्वाभाविक है। साथ ही वापस लौट कर जलपान को एकमात्र स्थान भी यही था, क्योंकि लग रही दुकानों से कुछ भी न खरीदने की अपील भी लगातार कही जाती है। ऐसे में यात्री दुविधा में रहता है।
तीर्थक्षेत्र कमेटी के सूत्र स्पष्ट कहते हैं कि जब उस पर अधिकार क्षेत्र व दान बीसपंथी कोठी का आता है तो जिम्मेदारी भी उसी की बनती है। अगर हमें अधिकार मिले तो हम तुरंत चालू कर दें। यानि जहां चोपड़ा कुंड का मंदिर आपसी विवाद के चलते बंद है, तो यह भी उसी तरह बंद पड़ा है, डेढ़ साल से अधिक समय से।
चैनल महालक्ष्मी द्वारा 26 दिसंबर 2021 को जारी 838 नं. एपिसोड ‘20 पंथी को मिलता भाताघर का दान, पर कहां जाते जाने भगवान’ के बाद, बीसपंथी कोठी ने अपनी जिम्मेदारी को स्वीकारा। इस बारे में दिगम्बर महासमिति के अध्यक्ष अशोक बड़जात्या जी से भी चर्चा की। तब उन्होंने बीसपंथी कोठी के अध्यक्ष अजय जैन आरा से बात की तो अब उस पर उचित कार्यवाही करते हुये यह सूचना दी है कि नये साल के नये दिन एक जनवरी 2022 से पहले की तरह भाताघर खुल जाएगा।
है तो खुशखबरी, सार्थक हो गई हमारी आवाज, आप भी कमेटियों को जगाते रहिये।