शिखरजी में फिर शराब, जूते…हर यात्री को बनना होगा तीर्थ रक्षक ॰ 20 जनवरी तक जैन समाज का सबसे बड़ा तीर्थ बन रहा पर्यटक स्थल

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॰ बाइक वाले शराब पीकर करते झगड़ा
पुलिस की चैकिंग में मिल रही शराब, नशे का समान, चाकू, छुरी
॰ पर्यावरण हो रहा प्रदूषित, तीर्थ बन रहा कूड़ा घर
॰ तीर्थक्षेत्र कमेटी के कर्मयारियों को करते अनसुना
॰ पुलिस व्यवस्था ऊपर भी हो, तभी नियंत्रण
॰ तीर्थक्षेत्र कमेटी ने लिखे पत्र, बढ़ायेगी कर्मचारी
॰ मधुबन थाना प्रभारी ने चैनल महालक्ष्मी को भरोसा दिलाया
॰ पीक टाइम पर बाइकें रखेंगे बंद
॰ भीड़ के दौरान बाइक-डोली के दाम दो से तीन गुने

02 जनवरी 2025/ पौष शुक्ल तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
25 दिसम्बर से 20 जनवरी तक हर वर्ष श्री सम्मेदशिखरजी वंदना पथ पर चढ़ने वालों में एकाएक बहुत अधिक वृद्धि हो जाती है, जहां 25 दिसंबर को यह संख्या 50 हजार के पार थी, 14 या 15 जनवरी को लाख, डेढ़ लाख से ऊपर होगी। ऐसे में जैन से कहीं ज्यादा, जैनेत्तर होते हैं। पुलिस ने भी चेकिंग व्यवस्था शुरू की, तीर्थक्षेत्र कमेटी ने ऊपर कर्मचारियों को मुस्तैद किया। मधुबन जैन समाज ने भी जागरूकता के लिये अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली में मांसाहार और मद्य निषेध के बोर्ड मधुबन प्रवेश द्वार से लेकर वंदना पथ पर लगाये, जो एक अच्छी शुरूआत के संकेत हैं।

इस बारे में भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी ने तीर्थ की सुरक्षा और पावनता के मद्देनजर उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखे। असर भी हुआ थोड़ा जरूर। वन विभाग के बैरियर के पास हजारों में से कुछ की चैकिंग में, शराब, गुटखा, नशीले पदार्थ व फल काटने वाले चाकू, छुरी भी मिले। पर क्या 5 की टीम हजारों की चैकिंग कर पाएगी? असंभव, टीम बढ़ानी होगी, चैकिंग बहुत जरूरी है।
मधुबन थाना प्रभारी जगरनाथ पान से इस संबंध में चैनल महालक्ष्मी ने बात की, बढ़ती बाइकें और त्रस्त हो रहे यात्रियों, गंदगी, पर्यावरण प्रदूषित की भी बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैन यात्रियों के पीक टाइम सुबह दो से 8 के बीच, बाइकों का आवागमन बंद रखा जायेगा, और उनकी गिनती पर भी नियंत्रण रहेगा, उन्होंने दावा किया कि केवल 50-60 बाइक ही चल रही हैं, पर वहां आज भी 100 से ज्यादा चल रही हैं।


डीएफओ सूरज सिंह से भी चैनल महालक्ष्मी की बात हुई कि यह क्षेत्र वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी के अंतर्गत आता है, तो उसके नियमानुसार उस क्षेत्र में कोई भी वाहन बिना एण्ट्री के प्रवेश नहीं कर सकता, पर यहां तो 5 साल से हम नियम की अनदेखी हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि 6 माह में एक गेट लगाकर इस पर कार्रवाही शुरू कर देंगे।

पारस टोंक की सीढ़ियों पर अनेक जूतों के साथ दिखे, कई टोकों के पास पिकनिक स्पॉट में खाना-पीना चलते हुए गंदगी के नजारे दिख रहे हैं और अनेक के जूते नहीं उतरते। इसके लिये तीर्थक्षेत्र कमेटी 5-10 कर्मचारी, हजारों की भीड़ में ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकते, जब हममें से ही कई उनसेअभद्र भाषा बोलने लगते हैं।

ऐसे में अब वक्त है, कुछ सहयोग प्रत्येक यात्री को करने का। आज जब रोजाना 8 से 10 हजार जैन भाई वंदना कर रहे हैं, ऐसे में हम सबको तीर्थरक्षक बनना होगा। 5-10 कर्मचारी नहीं, अब 5 से 10 हजार सेवादार होंगे। पारस टोंक पर कोई भी जूते पहनकर चढ़ने लगे, प्यार से निवेदन कर दीजिए कि यह मंदिर है, यहां जूते-चप्पल लेकर नहीं जाते। वह आराम से मान जाएगा, हित-मित प्रिय भाषा का ध्यान रखिये।

आपकी भाषा जैन संस्कृति की पहचान बनेगी। कोई टोंक के पास खाना खाने लगे, उसे समझाइये, भाई यहां नहीं, नीचे खा लें तो उचित रहेगा। मंदिर क्षेत्र है, यहां गंदगी नहीं। दुकानों पर लटकते गुटखों की लड़ी पर टोकिये, भाई ये यहां नहीं बेचना। बोतल, रेपर कोई फेंके, तो टोकिये, डस्टबिन में डालिये या फिर अपने साथ रखिये, पर्वत से नीचे उतरकर उचित स्थान पर डालिये।

ध्यान रहे अगर रोज पहाड़ पर 5 से 10 हजार तीर्थ रक्षक होंगे, तो न केवल तीर्थ की पवित्रता बरकरार रहेगी, बल्कि यह पावन धरा भी मुस्करा उठेगी।
तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन जी े भी कहा है कि वे कर्मचारियों की संख्या बढ़ा रहे हैं, माइक से घोषणा की व्यवस्था कर रहे हैं, अब 6 जगह पानी की व्यवस्था की गई है, जिससे आपको पानी की बोतल खरीदने और उसके निस्तारण का झंझट ही नहीं रहे।

हो जाइये तैयार, एक तीर्थ रक्षक के रूप में श्री सम्मेदशिखरजी की पावनता को बरकरार रखने के लिये, कूड़ाघर बनने से रोकने के लिये, पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए।
पूर्ण जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड न. 3072 में देख सकते हैं।