सबसे बड़े तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी के लिए अब तक का सबसे बड़ा हस्ताक्षर अभियान, इसमें ज़रूरी हर जैन बंधु का पूरा योगदान

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#SUPPORTSHIKHERJITIRTH समय की अब यही पुकार, शिखरजी के लिए अपने योगदान के लिए, हर जैन हो तैयार, 50,000 जैन बंधुओं का हस्ताक्षर अभियान
11 दिसंबर 2022/ पौष कृष्णा तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी

श्री सम्मेद शिखरजी, यह हर जैन का ही नहीं , हर धार्मिक भावनाओं में ओतप्रोत रहने वाले विश्व के हर व्यक्ति के लिए, प्रतीक है अहिंसा का, शाकाहार का, तप का, त्याग का, पवित्रता का, पावनता का और जन्म मरण के चक्कर को दूर कर, 84 लाख योनियों से हटाकर, मोक्ष को दिलाने वाली ,ऐसी शाश्वत अनादि निधन मोक्ष स्थली, जहां से वर्तमान काल में चौबीसी के बीस तीर्थंकरों के साथ—साथ 86 अरब, 488 कोड़ाकोड़ी, 140 कोड़ी, 1027 करोड़, 38 लाख, 70 हजार, 323 मुनियों ने कर्मों का नाश कर मोक्ष प्राप्त किया है।

आज समय की पुकार है, हम सब एक होकर, इस पर कुछ समय से दिख रही पवित्रता को रोकने के लिए , अपावन करने वाली घटनाओं को विराम लगाने के लिए , धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी इस कण कण भूमि की सुरक्षा के लिए, मिलकर एक अभियान चलाएं। सरकार को बताएं कि श्री सम्मेद शिखरजी, जैनों का पवित्र क्षेत्र हमेशा रहा था, रहा है , और रहेगा। इसके लिए आप सभी 18 दिसंबर को, जन बल के साथ, लाल मंदिर दिल्ली के सामने, लाल किला मैदान में पहुंचकर अपनी, सपरिवार उपस्थिति दर्ज कराएं और हां जो नहीं आ सकते , उन सब से विनम्र अनुरोध कि अपने मंदिर मंदिर में हस्ताक्षर अभियान जारी करें। अगर हमें वास्तव में श्री सम्मेद शिखरजी, प्राणों से प्यारा है तो निश्चय ही एक निम्न पत्र लिखे, जरूरी नहीं कि हर चीज टाइप करके करी जाए, उसे स्पष्ट लिखिए और फिर इस प्रारूप को लिखने के बाद , उसके नीचे सभी के क्रम से नाम, पता, मोबाइल नंबर और हस्ताक्षर कराइए, हर से। हर एक, छोटे बड़े भाई से, हर महिला पुरुष से, हर कोई जो शिखर जी को पवित्र क्षेत्र हमेशा चाहता रहा है और चाहता रहेगा। उन सब से हस्ताक्षर करवा कर इसको अपने जिलाधिकारी को सौंपे। एक प्रति प्राप्ति के रूप में उनसे हस्ताक्षरित प्राप्त कीजिए और सभी पूरे हस्ताक्षरों के साथ, इसे व्हाट्सएप कर दीजिए 99106 90823 पर।

पत्र का प्रारूप

दिनांक
माननीय केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री
9, मोती लाल नेहरु मार्ग, मान सिंह रोड, नई दिल्ली – 110001

माननीय मुख्यमंत्री, झारखंड राज्य सरकार
मुख्यमंत्री कार्यालय, प्रथम मंजिल, प्रोजेक्ट बिल्डिंग, रांची (झारखण्ड)-834004

माननीय महोदय

सादर जय जिनेंद्र

आपसे विनम्र अनुरोध है कि आज जैन समाज अपने को असुरक्षित समझ रहा है , क्योंकि उसे जिस श्री सम्मेद शिखरजी पर नाज़ रहा है और आज उस पर कुछ अपवित्रता की अंगुलियां उठ रही है।

तीर्थराज सम्मेदशिखर दिगम्बर जैनों का सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा शाश्वत सिद्धक्षेत्र है। तीर्थराज सम्मेदशिखर झारखण्ड प्रदेश में पारसनाथ स्टेशन से 23 किलोमीटर मधुवन में स्थित है। तीर्थराज सम्मेदशिखर पर्वत की उँचाई 4,579 फीट है। इसका क्षेत्रफल 25 वर्गमील में है एवं 27 किलोमीटर की पर्वतीय वन्दना है। सम्पूर्ण भूमण्डल पर इस शाश्वत निर्वाणक्षेत्र से पावन, पवित्र और अलौकिक कोई भी तीर्थक्षेत्र, अतिशयक्षेत्र, सिद्धक्षेत्र और निर्वाणक्षेत्र नहीं है। इस तीर्थराज के कण—कण में अनन्त विशुद्ध आत्माओं की पवित्रता व्याप्त है अत: इसका एक—एक कण पूज्यनीय है, वन्दनीय है। कहा भी है—एक बार वन्दे जो कोई, ताहि नरक पशुगति नहीं होई। एक बार जो इस पावन पवित्र सिद्धक्षेत्र की वन्दना श्रद्धापूर्वक करते हैं। उसकी नरक और तिर्यञ्चगति छूट जाती है अर्थात् वो नरकगति में और तिर्यञ्चगति में जन्म नहीं लेता है। इस तीर्थराज सम्मेदशिखर से वर्तमानकाल सम्बन्धी चौबीसी के बीस तीर्थंकरों के साथ—साथ 86 अरब, 488 कोड़ाकोड़ी, 140 कोड़ी, 1027 करोड़, 38 लाख, 70 हजार, 323 मुनियों ने कर्मों का नाश कर मोक्ष प्राप्त किया है।इस कारण इस भूमि का कण-कण पूजनीय एवं वंदनीय है। सभी पापों का संहार करने वाले तीर्थराज की वंदना महान् पुण्य का कारण है। सम्मेदशिखर का अस्तित्व कभी नष्ट नहीं होगा, अनन्तकाल तक रहेगा, अत: ये शाश्वत है। एक बार इस तीर्थ की वन्दना करने से 33 कोटि, 234 करोड़, 64 लाख उपवास का फल मिलता है। इस सिद्धक्षेत्र की भूमि के स्पर्शमात्र से संसार ताप नष्ट हो जाता है। आचार्यों ने आगम ग्रंथों में लिखा है कि इस 12 योजन (96 मील) प्रमाण विस्तार वाले सिद्धक्षेत्र में भव्य राशि कैसी भी हो, अत्यन्त पापी जीव भी इसमें रहता हो/जन्म लेता हो तो भी 49 जन्मों के बीच में कर्म नाश कर बंधन मुक्त हो जाता है। परिणाम निर्मल, ज्ञान उज्जवल, बुद्धि स्थिर, मस्तिष्क शांत और मन पवित्र हो जाता है। पूर्वबद्ध पाप तथा अशुभ कर्म नष्ट हो जाते हैं। दु:खी प्राणी को आत्मशांति प्राप्त होती है। ऐसे निर्वाण क्षेत्र की वन्दना करने से उन महापुरुषों के आदर्श से अनुप्रेरित होकर आत्मकल्याण की भावना उत्पन्न होती है।

आपसे पूरा जैन समाज अनुरोध करता है कि इसकी अधिकारिक घोषणा की जाए कि श्री सम्मेद शिखरजी को अहिंसक, शाकाहार, पवित्र जैन तीर्थ के रूप में गजट किया जाए, घोषित किया जाए और इसकी पवित्रता और पावनता को बरकरार रखा जाए। और इसकी सुरक्षा , संरक्षण, संवर्धन के लिए सरकार पूरी तरह संकल्प शील है । जैन समाज का विनम्र अनुरोध है कि हमारे तीर्थों व हमारी संस्कृति को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए। इन्हें किसी पर्यटन या किसी अन्य नाम पर उनके स्वरूप को ना बदला जाए , जिससे तीर्थों की पवित्रता व पावनता बरकरार रहे।

हमारे क्षेत्र के अनेक जैन भाइयों ने इसको हस्ताक्षरित कर आप तक पहुंचाने का अनुरोध किया है।

आशा है कि आप संज्ञान लेकर तुरंत कार्यवाही करने के आदेश जारी कर अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ न्याय करेंगे!
धन्यवाद और अतिशीघ्र कार्यवाही की आशा में,

निवेदक

हस्ताक्षर क्रम का प्रारूप

सब से हस्ताक्षर करवा कर इसको अपने जिलाधिकारी को सौंपे। एक प्रति प्राप्ति के रूप में उनसे हस्ताक्षरित प्राप्त कीजिए और सभी पूरे हस्ताक्षरों के साथ, इसे व्हाट्सएप कर दीजिए 99106 90823 पर।

लाल किला मैदान में 18 दिसंबर को जो जन बल के साथ शिखर जी के लिए जयघोष हो रहा है, उसमें सभी के हस्ताक्षर वाले, इस संकल्प पत्र के साथ मंत्रियों की उपस्थिति में घोषणा करने की अपील की जाएगी। साथ ही यह ज्ञापन केंद्रीय मंत्रियों व झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी को भी दिया जाएगा, इस अपील के साथ कि श्री सम्मेद शिखरजी को अहिंसक, शाकाहार, पवित्र जैन तीर्थ के रूप में गजट किया जाए, घोषित किया जाए और इसकी पवित्रता और पावनता को बरकरार रखा जाए। सहयोग आपका , आज ही जुड़ जाएं और इस अभियान में अपना पूरा सहयोग प्रदान करें। बूंद बूंद से ही सफलता मिलती है और हर जन जन के साथ पहले शिखरजी , फिर बात करेंगे गिरनार, जैन बंधु रहेंगे हर समय तैयार।

आप सब से विनम्र अनुरोध, उसके गवाह बनने के लिए 18 दिसंबर को लाल किला मैदान में जरूर आना और साक्षात जानिए कि श्री सम्मेद शिखरजी कहीं नहीं गया, ना गिरनार बनेगा, सुरक्षित रहेगा । बस आइएगा जरूर, पूरे परिवार के साथ।

मुनि श्री विहर्ष सागरजी की संघस्थ दीदी ब्र. रीना जैन 9818663765
आयोजक: श्री महावीर निर्वाण महोत्सव महाअर्चना समिति,
निवेदक : अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद , अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत परिषद् , यमुनापार दिगम्बर जैन समाज दिल्ली(रजिस्टर्ड), श्री दिगम्बर जैन महासमिति , भारतीय जैन मिलन, जैन धर्म संरक्षण महासंघ, सकल जैन समाज दिल्ली NCR, भारत

चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी द्वारा समाज के हित में शुरू की गयी एक पहल


लालकिला मैदान पर 18 दिसंबर 2022 को होने वाली महार्चना कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री व वर्तमान सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन जी से उनके निवास पर जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर स्मृति चिह्न भेंट किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि 18 दिसंबर को लालकिला मैदान पर अवश्य आएंगे। उन्हें श्री सम्मेद शिखरजी से संबंधित जैन समाज का ज्ञापन भी दिया गया, जिस में उल्लेख है कि श्री सम्मेद शिखरजी को अहिंसक, शाकाहार, जैन तीर्थ पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में मुनि श्री विहर्ष सागरजी की संघस्थ दीदी ब्र. रीना जैन, कार्यक्रम के महामंत्री राकेश जैन, जैन धर्म संरक्षण महासंघ से शरद जैन (चैनल महालक्ष्मी), सांध्य महालक्ष्मी से प्रवीन जैन तथा टीनू जैन में मौजूद थे।