॰ बढ़ती बाइकें-दुकानें, दोषी कौन?
॰ थानेदार ने कहा – अब नहीं होगा, पर है जारी
24 नवंबर 2024/ मंगसिर कृष्ण नवमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
श्री सम्मेदशिखरजी में अब यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने लगी है और उनके लिये एक नई समस्या सामने आकर खड़ी हो गई है। प्रशासन ने कागजों में बाइकों पर प्रतिबंध लगा रखा है, पर हकीकत में उनकी गिनती लगातार बढ़ती जा रही है, शायद यह संख्या अब 500 को भी पार कर चुकी है। एक तरफ वंदना करने वाले यात्रियों का बाइकों पर मुंहमांगे दामों पर सवार होना, फिर बाइक वालों द्वारा जेब गर्म करके प्रतिबंध के निर्देशों की धज्जियां उड़ाना, ज्यादा कठिन नहीं।
पर अब एक नई वसूली प्रारंभ हो गई है, बाइक से चढ़ने वालों के लिये। पहले तो एक ही बाइक पर दो-दो महिलायें जब अनजान बाइक वाले के साथ झटकों के साथ आती-जाती हैं, तो जैन संस्कार की पोटली तो इस बड़े तीर्थ पर बंध ही जाती है। अब शीतला नाले से एक किमी पहले डंडे-बल्ली लगाकर हर बाइक को रोका जाता है और महिलायें हाथ बढ़ा देती हैं, नोट दो तब आगे बढ़ो, अगर नहीं दिये तो जबरन वसूली, सीधा धमकी, मारपीट और आपकी जेब से लूटने की तैयारी। इन सबका खुलासा किया गुना के सर्वज्ञ जैन ने चैनल महालक्ष्मी को। और सर्वज्ञ ने 2 से 7 नवंबर तक रोज यह नजारा देखा। एक बाइक के पीछे जब यात्री के पास कुछ पैसे नहीं थे, रोक लिया, तब पीछे बैठी महिला ने अपने बैग से दो रुपये दिये, तो डंडा लगाने वाली उसके बैग पर झपट पड़े। उसने बताया कि पैसे न देने पर मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं। इस सारे घटनाक्रम में बाइक वाले भी जैसे मिले हुए हैं, वो पहले ही बाइक रोक देते हैं। इसकी शिकायत उन्होंने तीर्थक्षेत्र कमेटी के कार्यालय में की और फिर मधुबन थाने में भी दी। थानेदार ने कहा कि अभी चुनाव का वक्त है, सब उसी में बिजी हैं, बाद में जांच जरूर करेंगे। इन सबके बाद उन्होंने चैनल महालक्ष्मी को सम्पर्क किया।
यात्री ही यात्री के दुश्मन
दिन पर दिन, बढ़ती बाइकों की संख्या से पैदल वंदना कर रहे यात्री पहले ही परेशान हैं, यानि आज यात्री ही यात्री का दुश्मन बन गया है। कभी किसी वृद्ध को ठोकर लगती है, तो कभी किसी बच्चे को। यही नहीं, कई बार गिरती है सवारी, उन्हें भी चोटें लगती हैं। और आज सीढ़ियां और रास्ता खराब हो रहा है, जिसका खामियाजा पैदल वंदना करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ता है। अफसोस तो यह है कि वे दायीं तरफ के कच्चे रास्ते से नहीं जाती, वो सीढ़ियों वाले पैदल पथ पर ही दौड़ाते हैं। कौन रोके, जब अपने ही जैनी भाई सवारी करने को उतारू हैं। कहा जाता है जैन गर्म है, पर पैर में दम नहीं है।
शिकायत तीर्थक्षेत्र कमेटी से
इसके बाद तीर्थक्षेत्र कमेटी के कार्यालय से सम्पर्क किया। उन्होंने उल्टा सवाल किया कि बाइक चल रही है, उसके लिये तीर्थक्षेत्र कमेटी जिम्मेदार क्यों? प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है, पर हमारे ही यात्री सवारी करते हैं, अगर वो रुक जायें, तो बाइके स्वत: रुक जाएंगी। यात्रियों को समझाइयें, जागरूक करिये। हम तो प्रयास ही कर सकते हैं, पर यात्रियों को जबरन रोक नहीं सकते।
थानेदार ने किया वायदा
चैनल महालक्ष्मी ने फिर सम्पर्क किया मधुबन थाने के एसएचओ जगरनाथ पान से। उन्हें 07 नवम्बर को सर्वज्ञ द्वारा दी गई शिकायत पर अपडेट के लिये कहा, तो उन्होंने बताया कि कल ही उन महिलाओं को समझा दिया है, वो भिखारी हैं। पर हमने कहा कि वो तो अब भी चालू है, यह बिल्कुल गलत है। थानेदार ने आश्वासन दिया कि कल जाकर पूरी तरह सही कर देंगे। निश्चित ही ऐसी घटनाओं को तुरंत ही रोकना होगा।
बाइक और दुकानें – जिम्मेदार कौन?
वंदना पथ को रौंदती बढ़ती बाइकें और ऊपर बढ़ती खाने-पीने की बढ़ रही दुकानों के लिए असली जिम्मेदार कौन है? कोरोना काल में सभी दुकानें बंद हो गई और फिर धीरे-धीरे बढ़ती गई, जीरों से सैकड़ों में पहुंच गई। प्रशासन ने बाइकों पर प्रतिबंध लगा दिया, पर हम यात्रियों ने गैरकानूनी यात्रा करने को बढ़ावा दिया। इसके लिये दोषी कोई और नहीं, हम ही लोग हैं।
( इस पर पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 2968 में देख सकते हैं।)