28 दिसंबर 2024/ पौष कृष्ण त्रयोदशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
अभी हाल में दिल्ली से लगभग 350 लोगों का ग्रुप जब शिखरजी वंदना के लिये गया, तब बाइक से दो बेटियां गिर पड़ी। इसी तरह की घटनायें बार-बार सामने आ रही हैं, वहीं पैदल यात्रियों को भी काफी असहजता का सामना करना पड़ता है और वंदना पथ भी टूटता है, जिसकी मरम्मत आसान नहीं होती। कई विभागों से स्वीकृति में काफी समय लगता है, वहीं पर्वत पर खर्च भी कई गुना आता है।
सन् 2019 में भारत सरकार द्वारा इसे वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी घोषित किया जा चुका है। ऐसे क्षेत्र में जहां वाहनों को प्रवेश बिना एन्ट्री के नहीं दिया जा सकता, वहीं वन कटाव, लकड़ियां जलाना, अवैध अतिक्रमण पर भी पूरी तरह प्रतिबंध होता है। पर इस वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी से सब कुछ खुले आम हो रहा है और ना पुलिस कोई कार्यवाही करती है और ना ही प्रशासन।
इसके चलते चैनल महालक्ष्मी ने संबंधित डीएफओ श्री सूरज सिंह से लंबी चर्चा की कि लगातार अनियंत्रित वाहन इस वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी में चल रहे हैं, जबकि उनकी एन्ट्री के बिना प्रवेश नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बात को स्वीकारा और कहा कि मैं अभी इस क्षेत्र में नया हूं। आपकी बात सही है, हम शीघ्र उनकी एन्ट्री के लिये इंतजाम करते हैं।
चैनल महालक्ष्मी ने कहा कि इस क्षेत्र में बाइकों पर पूरी तरह प्रतिबंध है, फिर भी वे चल रही हैं और अब तो उनकी संख्या 500 तक पहुंच रही है। ये अपने रास्ते की बजाय वंदना पथ पर चलती है, जिससे पैदल यात्री असहज हो जाते हैं, वंदना पथ टूटता है। वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी में यह पोल्यूशन का भी कारण है। उनका कहना था कि आप उनके उपयोग के लिये यात्रियों को रोकिये। ये बाइकें उनके रोजगार का साधन है। अगर इन्हें रोकते हैं, तो डोली वाले मन माने रेट बढ़ा देते हैं। शायद यहां पर भी पालीताणा की तरह डोली वालों की व्यवस्था कोठियों को करनी होगी।
पालीताणा में अभी हाल में डोलियों की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। यहां अगर नि:शुल्क व्यवस्था ना हो, तो कमेटियों के आधीन डोली व्यवस्था हो, आकर उसका लेन देन कमेटी के द्वारा हो, तो नियंत्रण रह सकता है। ऐसा सुझाव जब डीएफओ को चैैनल महालक्ष्मी ने दिया, तो उन्हें यहां की परिस्थिति के अनुसार संभव नहीं लगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि वाहनों को नियंत्रण करने के लिये वो भी डिस्करेज करेंगे तथा प्रवेश पर एक गेट लगा कर उनकी एन्ट्री की शुरुआत कर दी जायेगी। इसमें अधिकतम 6 माह से एक वर्ष का ही समय लेंगे।
चैनल महालक्ष्मी ने साथ ही ऊपर लगातार बढ़ते अतिक्रमण की बात की, उसमें लकड़ियों को काटना, जलाना, पर्यावरण विरोधी तथा वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी के नियमों के विरुद्ध है। इस पर भी उन्होंने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। अब देखना है कि प्रशासन क्या कार्यवाही करता है। इस बारे में भारतवर्षीय दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी की ओर से हमारी कार्यवाही जारी रहेगी। इस पर पूर्ण जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड न. 3045 में देख सकते हैं।