16 दिवसीय श्री शांतिनाथ महामंडल विधान के साथ शीतकालीन वांचना का हुआ शूभारंभ
विदिशाः संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से मुनि श्री समतासागर जी महाराज एवं ऐलक श्री निश्चयसागर जी महाराज के परम सानिध्य में तथा संजय भैयाजी गंजवासौदा,ब्र. विकास भैयाजी, वाल ब्र. श्री अनूप भैयाजी, के निर्देशन में 16 दिवसीय श्री शांतिनाथ महामंडल विधान के साथ शीतकालीन वांचना की स्थापना संपन्न हुई। \
इस अवसर पर मुनि श्री समतासागर जी महाराज ने कहा कि यह भगवान श्री आदिनाथ स्वामी वर्रो वाले भगवान का ही अतिशय है, कि कार्यक्रम की संयोजना की चर्चा भी पूरी नहीं कर पाता कि कार्यक्रम का शुभारंभ हो जाता है, और शुभारंभ भी ऐसे होता है कि जैसे उसकी संयोजना महिनों से प्रारंभ की गई हो,उन्होंने कहा कि कि सच मानना यह यंहा कि वर्गणाओं का और वर्रो वाले भगवान आदिनाथ स्वामी का ही प्रभाव और अतिशय है यंहा पर सदभावनाओं से भरकर जिसने भी किसी कार्य का शुभारंभ किया है, वह कार्य विना किसी वाधा के पूर्ण हुआ है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी को स्वास्थ सम्वंधी कोई वाधा आई और उसने आकर प्रभु चरणों में आकर अपना श्रीफल समर्पित किया, शांतीधारा की उस परिवार को निश्चित करके लाभ पहुंचा है।वैसे भी प्रतिकूल परिस्थितियों में एक मात्र सहारा भगवान ही होते है,जिनकी भक्ती करने से हर वाधा दूर हो जाती है।
उन्होंने पौराणिक कथा का उल्लेख करते हुये कहा कि मथुरा नगरी में जब प्राकृतिक देवकृत महामारी फैली थी तो वह वाधा भी सप्त ऋषियों के उपदेश से जैन श्रावकों द्वारा् १६ दिवसीय भगवान श्री शांतीनाथ स्वामी की आराधना से ही दूर हुई थी।
अभी वर्तमान में यह महामारी किसी नगर में नहीं अपितु यह प्राकृतिक महामारी देश और दुनिया में फैली हुई है,2020 के शुक्ल पक्ष के अंतिम पखवारे में श्री शांतिविधान का आयोजन निश्चित करके आपके दुःख दर्द और देश दुनिया से महामारी की समाप्ती का कारण वनेगा। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है, कि सप्त ऋषियों ने मिलकर जब मथुरा में फैली इस महामारी से निजात पा लिया था तो यह १६ दिवसीय श्री शांतिनाथ महामंडल विधान विदिशा ही नही संपूर्ण भारत और विश्व से मुक्ती का कारण वनेगा। उन्होंने कहा कि समस्याएं किसके जीवन में नहीं आती, समस्याएं भी है, और हर समस्या का समाधान भी है।
यदि आपके परिवार में भी कोई समस्या या वाधा है, स्वास्थ संवंधि परेशानी है, तो कंही भटकने की जरूरत नहीं है, आपके पास जब भी समय हो तव आओ और भगवान श्री वर्रो वाले वावा भगवान श्री आदिनाथ स्वामी के चरणों में एक श्री फल समर्पित करो अपने मन की वात को प्रभु चरणों में समर्पित तो करो वह आपकी मनोकामना को अवश्य पूर्ण करेंगे, यह मेरा विश्वास है।
मुनि श्री ने कहा कि अभी तक के शीतलधाम के जितने भी कार्यक्रम हुये वह सभी सफल हुये , उन सभी कार्यक्रम में पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद था और उस आशीर्वाद के पुण्ययोग से आप सभी का पुण्य योग वना।