शांति धारा के दौरान घंटी ना बजाएं
दौरान झारी का क्रम न बदलें
अभिषेक एवं शांति धारा के दौरान प्रतिमा जी को न छुंऐ।
शांति धारा जमीन पर बैठ कर देखें एवं सुने।
शांति धारा होने के पश्चात मूलनायक भगवान का जलाभिषेक ना करें
झारी एक बार में पूर्ण भर लेवें ताकि बीच में धारा खंडित ना हो।
शांति धारा करना देखना सुनना सभी समान पुण्य प्रभावी हैं।
अभिषेक शांतिधारा के दौरान प्रदक्षिणा न लगावें
किसी को भी अभिषेक का जल देते समय विशेष ध्यान रखें कि एक बूंद का भी अविनय ना हो
शांति धारा के दौरान शांति बनाए रखें क्योंकि इसमें बहुत सारे बीज मंत्रों का उच्चारण होता है उन्हें ध्यान पूर्वक सुने
शांतिधारा झारी द्वारा की जाती है, कलश से नहीं
और झारी में नारियल या गोला नहीं होता
-सोशल मीडिया पर आई एक पोस्ट से