02 अक्टूबर 2022/ अश्विन शुक्ल सप्तमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /शामली
आजकल कई जैन मंदिरों में निर्माण कार्य या जीर्णोद्धार चल रहे हैं । ऐसे में उत्तर प्रदेश के जनपद शामली से जो चोरी की घटना का 10 घंटे में खुलासा हुआ है , उससे सबकी आंखें खुल जानी चाहिए , क्योंकि वहां पर डेढ़ सौ वर्ष पुरानी दो अष्टधातु की मूर्तियों को चुराने वाला कोई और नहीं, वही पर ढाई महीने से निर्माण कार्य में लगा मजदूर था ।
पूरी रिपोर्ट पढ़कर आप हैरान हो सकते हैं, पर सावधान रहें और चोरी की घटना की जानकारी चैनल महालक्ष्मी के आज शाम रविवार 2 अक्टूबर के रात्रि 8 बजे के एपिसोड में देखें। जब उस एपिसोड को बनाया गया था , तब तक पुलिस उनको पकड़ नहीं पाई थी।
और पूरी अपडेट रिपोर्ट कि किस तरह पुलिस ने 10 घंटे में किया खुलासा, चैनल महालक्ष्मी के सोमवार रात्रि 8:00 बजे के एपिसोड में देख सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद शामली के थाना गढीपुख्ता क्षेत्र के गांव भैंसवाल स्थित जैन मंदिर से बीती देर रात चोरी हुयी अष्टधातु की दो बेशकीमती प्रतिमाओं को पुलिस ने शनिवार शाम को बरामद कर चोरों को भी गिरफ्तार कर लिया।
शामली के सहायक पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि मंदिर से मूर्तियां चुराने वाले चोरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पकडा गया चोर शामली निवासी इरफान पुत्र रिजवान है। वह पिछले करीब ढाई महीने से जैन मंदिर के सामने बन रहे त्यागी भवन में बतौर मजदूर काम कर रहा था। इसी दौरान उसने मंदिर की मूर्तियों को चुराने के लिये रेकी की।
सिंह ने बताया कि बीती रात वह मंदिर के प्रथम तल पर पहुंचा तथा वहां लगे गेट को खोलकर रस्सी के सहारे अंदर प्रवेश कर गया। उसने मंदिर में रखी अष्टधातु की प्रतिमाएं चोरी कर ली। उन्होंने बताया कि अभियुक्त के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जैन मंदिर से चोरी हुयी मूर्तियां बरामद करने और चोर को पकड़ने के लिये जैन समाज के लोगों ने हर्ष जताते हुए पुलिस अधिकारियों का सम्मान कर उनका आभार जताया है। गढीपुख्ता पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही चोरी का पर्दाफाश करते चोर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से अष्टधातु की दोनों प्रतिमायें, रस्सी व थैला भी बरामद कर लिया है।
जनपद शामली में पुलिस विभाग में समय हड़कंप मच गया जब पुलिस को सूचना मिली कि दिगंबर जैन मंदिर में स्थापित डेढ़ सौ साल पुरानी मूर्तियां अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर ली गई है। सूचना के बाद आनन-फानन में तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि यह पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण करीब डेढ़ सौ साल पहले हुआ था और तभी इन मूर्तियों को भी मंदिर में स्थापित किया गया था। जैन मंदिर में हुई चोरी की इस वारदात से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है और जैन समाज में इस घटना के बाद से ही भारी आक्रोश बना हुआ है।
बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली के थाना घड़ी गुप्ता क्षेत्र के गांव भैंसवाल का है, जहां पर बीती रात अज्ञात चोरों ने श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से अष्टधातु की मूर्तियों को चोरी कर लिया। जानकारी के मुताबिक, इस मंदिर का निर्माण करीब डेढ़ सौ साल पहले कराया गया था और तभी यहां पर पांच मूर्तियां स्थापित की गई थी, जिनमें तीन मूर्तियां पाशांग की है और दो मूर्तियां अष्टधातु की है। जो दो मूर्तियां अष्टधातु की है उनको बीती रात अज्ञात चोरों ने चोरी कर लिया। पूरी घटना का पता उस समय चला जब मंदिर के पुजारी सुबह करीब 6:30 बजे मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे तो मंदिर में रखी दो अष्टधातु की मूर्तियां गायब मिली जिसके बाद उन्होंने घटना की सूचना मंदिर कमेटी को दी जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
जैन मंदिर में हुई चोरी की वारदात का पता चलते ही आनन-फानन में पुलिस के आला अधिकारी भारी मात्रा में पुलिस फोर्स, डॉग स्क्वायड, फॉरेंसिक टीम, एसओजी टीम को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे जहां से फॉरेंसिक टीम ने कुछ सैंपल भी लिए तो वहीं, एसओजी की टीम ने भी अपनी जांच पड़ताल की। जैन मंदिर में हुई चोरी की वारदात से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं जैन समाज में इस घटना के बाद से ही आक्रोश बना हुआ है। जैन समाज के लोगों का कहना है कि उनके 150 साल पुराने मंदिर से 2 मूर्तियों के चोरी होने से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है और इस घटना का शीघ्र ही खुलासा होना चाहिए तथा आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। फिलहाल पुलिस ने मंदिर कमेटी की तहरीर के आधार पर अभियोग पंजीकृत कर लिया है और आगे की वैधानिक कार्यवाही में जुट गई है। वहीं, मंदिर कमेटी के लोगों ने बताया कि यह मंदिर करीब डेढ़ सौ साल पुराना है और अभी मंदिर में कंस्ट्रक्शन का कार्य चल रहा है जिस कारण मंदिर के गर्भगृह थे मूर्तियों को साइड में स्थापित किया गया है और वहीं पर अभी उनकी पूजा की जा रही है मंदिर में कल मजदूर काम कर रहे थे और काम करने के बाद शाम को करीब 6 और 6:30 बजे के आसपास वह काम खत्म कर कर मंदिर में ताला लगाकर चाबी पुजारी जी को देकर चले गए थे लेकिन जो मंदिर एक का उपरी मंजिल है उसका गेट जो है वह खुला पाया गया है अब यह पता लगाया जा रहा है कि वह गेट आखिर किसी के द्वारा खोला गया या भूलवश खुला रह गया।