एक दिन में एक लाख से ज्यादा केस आने लगे हैं ।
अभी कोरोना संकट टला नहीं है ।
अब तो जैन परिवारों के केस भी बहुत सुनने में आ रहे हैं । कई जैन संत भी पॉजिटव हैं ।
अभी सरकार की तरफ से भी समारोह करने की छूट है इसलिए बड़े बड़े विधान,प्रतिष्ठा समारोह ,शिविर आदि आयोजन बड़े पैमाने पर किये जा रहे हैं ,उनकी तैयारियां चल रहीं हैं,वो भी साधु संतों के सान्निध्य में ।
अब सरकार लॉक डाउन नहीं लगाएगी ।हमें खुद सेल्फ लॉक डाउन लगाना पड़ेगा । यदि ऐसा नहीं किया तो स्थिति भयावह हो सकती है । निवेदन है कि आयोजक पिछले वर्ष की स्थिति का स्मरण करके कुछ समय और धैर्य धारण करें ।
ताड़ के पेड़ पर चढ़ने वाला उतरते समय तो ऊपर बहुत ध्यान रखता है ,और गिरता नहीं है ,किन्तु जब चार पांच फुट का उतार शेष रहता है तो सोचता है अब कोई रिस्क नहीं है और असावधान हो जाता है ,और नीचे आकर गिर जाता है ।
हम सभी कोरोना के इस तूफान से किसी तरह बच कर आये हैं किंतु ऐसा न हो अंत में लापरवाही हमें महंगी पड़ जाए ।
आयोजन यदि चार छह महीने और नहीं करेंगे तो कोई आफत नहीं आ जायेगी ।
हमें संयम का परिचय देना चाहिए तथा कुछ समय और धैर्य धारण करना चाहिए ।
डॉ रुचि जैन ,नई दिल्ली