#गिरनार जी में , #केसरियाजी में, भुगत चुके हैं, अब #शिखरजी में नहीं भुगतना है- पहाड के साथ कोई समझोता ना हो चाहे अपने को अपने प्राण भी देने पड जावे #save_shikherji

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27 मार्च 2022//चैत्र कृष्णा दशमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

गिरनार जी में हम भुगत चुके हैं केसरियाजी में हम भुगत चुके हैं अब शिखरजी में नहीं भुगतना है

अभी कुछ दिन पुर्व परम पवित्र सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखर जी मे शंका समाधान को सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ

बहुत सारे प्रश्न मन मे उमड़ने लगे क्या शिखर जी मे मांस का जो फ़ोटो वीडियो आया वो गलत था

क्या हजारो लोगो द्वारा जैनेतर समाज का पहाड़ पर जाना हमारे तीर्थ के लिए खतरे का कारण नही है और सेर सपाटा और पिकनिके के रूप में

क्या पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा हमारी जमीन पर अनायतन की स्थापना होने से गिरनार जी जैसी स्थिति नही हो जाएगी

क्या इस बात की वो गारन्टी लेते है की भविष्य में कुछ नही होगा

आज शिखर जी मे पर्वत के नीचे इतने बड़े और विशालकाय प्रोजेक्ट वाले जिम्मेदारी नही है की वो पर्वत की सुरक्षा,पवित्रता की रक्षा के लिए कुछ करे

जबकी पूरी जैन समाज एक छत्र होकर सम्मेद शिखर जी की पवित्रता के लिए प्रतिबद्ध है ऐसे वीडियो से हम लोगो के संगठन को ठेस नही पहुंचेगी

उस दिन शंका समाधान मे जीस तरह जैनेतर समाज को अपना पक्ष रखेने के लिये दिया ओर ईस रिकोर्डिंग को अगर यह आने वाली पिढी को बतावेगे तो हमारे सिध्द क्षैत्र सम्मेद शिखर पर जैनेतर का भी बना दिया जबकी आज से 25 से 30 साल पहेले यह क्षैत्र सिर्फ जैनियो का ही कहलाता था ओर कोई ईस पहाड पर अपना दावा कभी नही किया पर जब उस दिन जैनेतर समाज को मंच दिया गया उससे तो उन्होने ईस बात की मोहर लगा लीकी पहाड जैनेतर का भी हे जो पहाडो को अपना देवता मानते हे उस मंच से यह संदेश पुरे देश को दीया ईससे वह ईस रिकोर्डिंग से अपना दावा ओर मजबुत कर लिया की यह पहाड हमारा भी हे जहा हम ईतने फुट से ईतने फुट का हम चबुतरा बना सकते हे यह ईस मंच से बिलकुल स्पष्ठ कह दिया

शुरूबात मे ऐसा ही गिरनारजी के साथ भी ऐसा हुआ सब श्वेताम्बर ओर दिगम्बर समाज ईस बात को समझे ओर जो मठ बनाकर बैठे हे वह पहाड की चिंता करते ओर अपने मठ की चिंता कम करते तो

यह आज यह दशा नही होती समाज के अरबो रूपय मठो मै लग गया अगर यह पहाड पर लग जाता तो आज कोई आख उठाकर नही देख सकता
अत: मेरा सभी जैन साधर्मी से निवेदन हे की पहाड के साथ कोई समझोता ना हो चाहे अपने को अपने प्राण भी देने पड जावे नही तो अपने को आने वाली पिढी हमे माफ नही करेगी ओर उस दीन जो जैनेतर को मंच दिया उसका खंडन करे ताकी आने वाले दिनो वह उसका उपयोग नही कर सके उसका ऐलान उसी मंच से हो जावे तो पुरे समाज का भला हो जायेगा

– सोशल मीडिया पर प्राप्त पोस्ट से (ये लेखक के निजी विचार हैं, इन विचारों को केवल चिंतन के लिए चैनल महालक्ष्मी आप तक पहुँचा रहा है)