जिसने करे जैन तीर्थ पर जय जयकार, उसे पर कर दी FIR , जिसने जान लेने को उठाये धारदार हथियार, वह नहीं करे गिरफ्तार #SAVE_GIRNAR

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29अक्टूबर 2023/ कार्तिक कृष्ण एकम /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी / शरद जैन/EXCLUSIVE
यह कैसी सुरक्षा? यह कैसा प्रशासन? यह कैसा शासन ? आज बड़ी कुर्सी पर बैठे नेता अपनी बात से मुकर जाते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा करने से आंखें मोड़ लेते हैं। वहां पर सुशासन की बजाय कुशासन दिखने लगता है। गत एक अक्टूबर को, जहां जैन समाज पर गिरनार की पांचवी टोंक पर ,जैनों के ऊपर डंडे घुमाये जाते थे। गालियों, अपशब्दों की बौछार की जाती थी। पर उस दिन जैन समाज पर तलवार उठाई गई, धारदार हथियार उठाए गए ।

वह तो किस्मत अच्छी रही, तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी की कृपा रही, संतों का आशीर्वाद रहा, कि कोई घायल नहीं हुआ। नहीं तो, उनका तो दावा और कथन यह है कि तीसरी टोंक तक उतरने से पहले, वह कार्यक्रम कर देते हैं और ऐसा पहले कर चुके हैं। बच गए वो, जो अपने जैन तीर्थ पर दर्शन करने गए थे

पर जिन्होंने उस सिद्ध क्षेत्र की जय जयकार की, उनको शायद हजम नहीं हुआ की धंधे के स्थान पर धर्म का बोलबाला हो। इसीलिए पुलिस ने किसके? दवाब में फिर दर्ज कर लिया? ऑनलाइन में करण को भी नहीं खोला जिससे उसकी जानकारी मिल सके लिख दिया कि यह संवेदनशील है। कैसा न्याय है?

खैर, न्याय तो बाद में होगा। अभी तो अन्याय है , जिन पर FIR होनी चाहिए, जिन्हें गिरफ्तार होना चाहिए, वह छुट्टा वहीं घूमते हैं, अपशब्द बोलते हैं, धमकी देते है, पुलिस वाला भी उनकी हां में हां मिलता है, गजब, यह कैसी सुरक्षा या उससे ज्यादा असुरक्षा? 25 अक्टूबर को उसके बाद फिर, अपशब्दों की बौछार करते हैं, जिसका एक प्रमाण सामने भी आया।

यह सब चैनल महालक्ष्मी आपको , आज, रविवार 29 अक्टूबर को अपने एपिसोड नंबर 2204: गिरनार : जैनों पर FIR, में दिखाएगा कि किस तरीके से आज बहुसंख्यक के दवाब में एक अल्पसंख्यक सामुदाय पर कैसे अघोषित वार किये जा रहे हैं । न्याय की सीमा को अब और लांघा जा रहा है।

सच्चाई को शासन, प्रशासन के डंडे से, हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करके, पूरी तरह वह खेल खेला जा रहा है, जिससे सामाजिक प्रेम, भाईचारा खत्म हो जाए। जहां वैदिक और श्रमण संस्कृति, हजारों वर्षों से साथ-साथ चल रही है, आज उसको अपने-अपने ढंग से तोड़ने करने की कोशिश की जा रही है । सच्चाई बताने की बजाय , झूठ के मुखौटे पहनाए जा रहे हैं। कहते हैं लोकतंत्र में, अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक को न्याय मिलता है , भेदभाव नहीं होता, पर आज अल्पसंख्यक में भी अल्पसंख्यक का क्यों, उनका गला घोंटा जा रहा है?

चुनाव के समय राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए, क्या ऐसी चाले चली जा रही है या फिर भाई-भाई को लड़ाने के लिए, सत्य पर पर्दा डाला जा रहा है। जैन समाज के सभी साधु तथा धर्मप्रिय सभी संत लोगों से यह विनम्र अनुरोध है कि सत्य को जानकर ही, उस गहराई में उतरकर ही, अपनी राय प्रकट करें।

चंद कथित लोग अपने बाहुबल का, अपनी गिनती का, नाजायज दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और एक कम गिनती वाले को, दबाने के लिए या कहें , मिटाने के लिए एक साजिश तो कहीं नहीं रची जा रही । देखिएगा जरुर , आज रविवार 29 अक्टूबर को चैनल महालक्ष्मी के विशेष एपिसोड नंबर 2204 में, क्या है सच आपके सामने।