चैनल महालक्ष्मी पिछले कुछ समय से, लगातार जैनों के अग्रणी सिद्ध क्षेत्रों में से एक, श्री गिरनार जी पर लगातार, नई-नई जानकारियां आपके सामने ला रहा है, चाहे वह अहमदाबाद में की गई प्रेस वार्ता के द्वारा हो या फिर लगातार जारी किए जा रहे वीडियो के द्वारा और यह काम तब तक जारी रहेगा, जब तक तलवार लहराने वाले उन दोषियों पर उचित कार्यवाही नहीं होती और जैनों को वही पुराना ससम्मान अधिकार गिरनार पर प्राप्त नहीं हो जाता।
इसके लिए सभी संतो से भी करबद्ध प्रार्थना है कि वे भी एक स्वर में ,समाज को उचित निर्देश अपने प्रवचनों के माध्यम से दें और पूरा जैन समाज पंथवाद और संप्रदायवाद को एक तरफ रखकर, एक साथ खड़ा होकर ,अपने हर तीर्थ की सुरक्षा के लिए आवाज़ उठाएं, चाहे वह गिरनार जी हो , चाहे वह शिखरजी हो, चाहे वह पालीताणा हो, चाहे वह रणकपुर हो या कोई और। अब वक्त है एकता दिखाने का।
अपनी रोज नई जानकारी देने की कड़ी में, अब चैनल महालक्ष्मी, गिरनार जी पर अब तक उपलब्ध सबसे प्राचीन चित्रों के साथ वह नहीं खुलासा करेगा, जो जेम्स वर्गीज की रिपोर्ट से लगभग मेल खाते हो।
1875 में जब जेम्स वर्गीज ने गिरनार जी की यात्रा की थी , तब उन्होंने कहा था कि वहां एक बड़ा घंटा था और वही घंटा आज तक कोई नहीं देख पाया।
उसी के चलचित्र के साथ, वहां पहले कैसी मूर्ति थी?
वह मूर्ति किस रूप में थी?
वहां गुफा कौन सी थी ?
वह घंटा कैसे था?
यह सब आपको पहली बार देखने को मिलेगा, जो आज तक जैन समाज या किसी ने भी नहीं देखा।
कैसे इन पिछले कुछ दशकों में सारे इतिहास को मिटाने की साजिश हुई, यह इससे बेनकाब हो सकेगी।
देखिएगा जरुर, वह गुफा भी। 22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी का ज्ञान कल्याणक है रविवार 15 अक्टूबर को , उसी दिन उनकी तपोस्थली, व आचार्य धरसेन जी की तप गुफा भी, आपको देखने को मिलेगी, जिसके दर्शन आज नहीं कर पाते। चैनल महालक्ष्मी का रविवार 15 अक्टूबर को एपिसोड नंबर 2175: गिरनार खुलासा: मूर्ति, घंटा और गुफा , सबसे पुराने वीडियो के प्रमाणों के साथ।
देखना मत भूलिएगा और सभी को शेयर जरूर करिए, अपना कर्तव्य समझिएगा।