पिछले 2 दिनों से चर्चा में आ रही सप्तमुखी चंद्रप्रभु की प्रतिमा को नहीं दिए जाएंगे सूरि मंत्र, आश्वासन दिया दुर्ग कमेटी ने और अचार्यश्री देंगे आज दोपहर ,इस पर उद्बोधन

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03 दिसंबर 2022/ मंगसिर शुक्ल एकादशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
छत्तीसगढ़ की दुर्ग नगरी में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी मुनिराज ससंघ के सानिध्य में , कल शुरू हुए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत से पहले ही, यह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। और इसका कारण था सप्तमुखी चंदा प्रभु की प्रतिमा और उसके बारे में ना केवल प्रतिमा के वीडियो आए, बल्कि एक ऐसा वीडियो क्लिप भी आया, जिसमें आचार्य श्री यह कह रहे थे कि चाहे पूरी दुनिया में शोर मच जाए।

इस बारे में आज चैनल महालक्ष्मी की वहां पर कई जिम्मेदार लोगों से बातचीत हुई तथा उन सब ने एक बात स्पष्ट कर दी कि इस सप्तमुखी चंदा प्रभु की प्रतिमा की प्रतिष्ठा नहीं हो रही।।

यही बात अध्यक्ष श्री राकेश जी छाबड़ा जी ने भी कही कि हमारे यहां से जो पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की पत्रिका प्रकाशित हुई है , उसमें इस प्रतिमा की प्रतिष्ठा के बारे में कोई सूचना नहीं है। कई पात्र बने श्रद्धालुओं ने भी स्पष्ट चैनल महालक्ष्मी को कहा कि आचार्य श्री द्वारा सप्तमुखी प्रतिमा को सूरी मंत्र नहीं दिए जाएंगे

और इस बारे में संभावना है आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी मुनिराज आज दोपहर 2:00 बजे इस पर स्पष्ट रूप से अपनी बात कहेंगे, जिससे समाज में उठ रही विभिन्न प्रकार की भ्रांतियों को दूर किया जा सके।

2 वर्ष पहले आचार्य श्री द्वारा ही श्री सम्मेद शिखरजी बीसपंथी कोठी में इसी प्रकार की सप्तमुखी प्रतिमा के पंचकल्याणक करने की बात सामने आ रही है, जिसको फिलहाल वहां एक अलमारी में रखा हुआ है, जिसके आगे शीशा लगा है और वहां की कमेटी का कहना है यह निर्णय श्रद्धालुओं पर छोड़ दिया है कि वे चाहे तो उसकी पूजा करें या नहीं । उसे किसी वेदी में प्रतिष्ठित नहीं किया गया है ।

चैनल महालक्ष्मी इस पर एक विशेष एपिसोड आज शनिवार 3 दिसंबर को रात्रि 8:00 बजे जारी करेगा। अतीत में ऐसी कहां प्रतिष्ठा की गई ,जो विवादित कही गई और इस सप्तमुखी प्रतिमा को क्या सिर्फ शो पीस बना कर रखा जाएगा। देखिएगा जरूर महालक्ष्मी की एक और अनोखी प्रस्तुति।