नैनवा में रचा नया इतिहास ; 48 निर्जल उपवास के बाद महापारणा ॰ पारणा के लिये संकल्पित विधि के लिये 4-5 किमी भ्रमण ॰ वैज्ञानिक हतप्रभ, गिनीज रिकॉर्ड धुला

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08 अक्टूबर 2024/ अश्विन शुक्ल पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
आचार्य श्री सुनील सागरजी के सुशिष्य मुनि श्री संविज्ञ सागरजी ने आचार्य आदिसागर अंकलीकर की तप-साधना को जीवंत करते हुये मानो भक्तामर की हर गाथा का एक निर्जल उपवास और फिर अपने गुरु के 48वें अवतरण दिवस पर 48 निर्जल उपवास पूरे कर निकट अतीत वो इतिहास रचा, जो विज्ञान को, मेडिकल साइंस को एक चुनौती पेश कर रहा है।

21 जुलाई 2024 को चातुर्मास कलश स्थापना राजस्थान के नैनवा, जिला बूंदी में हुई और उसी दिन से दो उपवास, एक पारणा का क्रम शुरू किया। 27वें दिन ही एक क्रम 3 उपवास के बाद पारणा के रूप में बढ़ गया और फिर 20 अगस्त से जो निर्जल उपवास का क्रम शुरू किया, उसने जहां डॉक्टरों को चकित किया, बल्कि गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अब तक 18 दिन तक बिना जल के जो रिकॉर्ड दर्ज था, उसे भी धो डाला।

उनके लगातार निर्जल व्रतों की अटूट क्रम की जानकारी जब गुरुवर आचार्य श्री सुनील सागरजी को मिली, तब अपनी दूरदृष्टि से उन्हें 33 निर्जल उपवास के बाद जल लेने का निर्देश दिया और उसके बाद फिर यह क्रम जारी रखा। मुनि श्री की साधना के आगे मेडिकल साइंस भी नतमस्तक हो गई।

नैनवा से सतीश जैन ने चैनल महालक्ष्मी को बताया कि 48 निर्जल उपवास के बाद 07 अक्टूबर 2024 को नैनवा के घर-घर में चौके लगे, वहीं मुनि श्री संविज्ञ सागरजी ने आहार हेतु 4 से 5 किमी नगर भ्रमण किया, इतना आत्मबल, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। ऐसी कठिन विधि लेकर वे हर घर के आगे से बढ़ते जा रहे थे, तब अजमेर से आये श्रावक राजीव (जौली) के यहां श्री सवाई राम जी जैन मंदिर में उनका पड़गाहन हुआ। महापारणा को देखने के लिये हजारों लोग घरों से निकलकर सड़कों पर बढ़ते उस ओर आ गये थे। सैकड़Þों श्रावक-श्राविकाएं आहार देने के लिए लंबी कतार में लगे थे।
कमाल तो तब हुआ, जब पता चला कि आहार देने वालों ने एक वर्ष तक रात्रि भोजन और जिमीकंद का त्याग किया, तब आहार दिया। गजब और फिर मुनि श्री के महापारणा के उपरांत उन्हें भव्य जुलूस के रूप में श्री शांतिवीर धर्म स्थल नैनवा तक लाये। निश्चय ही यह गुरू के अवतरण दिवस पर शिष्य द्वारा अद्भुत गुरु दक्षिणा रही।

उसके बाद नैनवा के रविन्द्र स्कूल प्ले ग्राउंड में गुरुवर आचार्य श्री के 48वें अवतरण दिवस पर आचार्य श्री का भव्य पूजन कर बहुत ही भक्तिभाव और आनंद के साथ मनाया गया और आचार्य श्री सुनील सागरजी महामुनिराज की जीवन गाथा पर महाविज्ञ की महायात्रा पर भव्य नाटिका का आयोजन किया गया। इस महापारणा महोत्सव में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के जैन सदस्य धन्य कुमार जिनप्पा गुंडे जी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

इसकी पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 2874 व 2903 में देख सकते हैं।