सुनसान पड़ा तीर्थनगरी एक बार फिर से साधु संतों के आगमन से गुलजार -भक्तो की भक्ति कोरोना पर भारी पड़ी:अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर

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अन्तर्मना आचार्य का श्रमनाचार्य से ससंघ मिलन, जय गुरुदेव जय पारस से गुंजायमान हुआ मधुवन
गुरुदेव की एक झलक पाने को भक्त आतुर, रंगोली के रंगों में रंगा

सिद्ध भूमि श्री सम्मेदशिखर जी निमियाघाट से अहिंसा पद यात्रा प्रणेता साधनमोदधि भारत गौरव तापचार्य अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज व पीयूष सागर जी महाराज के आत्मीय सानिध्य में 44 दिवसीय बृहद शांतिधारा व महाअर्चना महोउत्सव समापन के बाद अपना मंगल विहार ससंघ तीर्थ सम्मेद शिखर जी की ओर किया।

जहाँ मधुवन शिखर जी पहुँचने पर बेंड बाजो के साथ जय जय गुरुदेव की जयघोष के साथ अन्तर्मना ससंघ का मंगल आगमन श्री दिगंबर जैन बीस पंथी कोठी के प्रागंण किया गया। जहाँ पहले से ससंघ विराजमान श्रमचार्य गुरुदेव विशुद्ध सागर जी महाराज, आचार्य संभव सागर जी महाराज,मुनि प्रणाम सागर जी आदि का आत्मीय मिलन अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज से हुआ। गुरुदेव के मिलन के साक्षी भक्त यह दृश्य देख कर भावविभोर हो उठे पूरा मधुवन जय जय गुरुदेव, जय पारस की ध्वनि से गुंजायमान हो गया। जहाँ अन्तर्मना आचार्य श्री में अपने मंगल प्रवचन में कहा कि कोरोना जैसी भीषण महामारी के इस संकट की घड़ी में कोरोना वायरस पर भक्तों की भक्ति का भाव भारी पड़ता दिखाई दिया। सब के सब एक ही धुन में लीन थे बस अन्तर्मना आचार्य का भव्य मंगल प्रवेश हो जाय जय गुरुदेव के नारों से तीर्थनगरी मधुबन गुंजयमान हो उठा लगभग दो वर्ष होने को हैं सुन सान पड़ा तीर्थनगरी एक बार फिर से साधु संतों के आगमन से गुलजार हो गया। ये आप के पुण्य का ही बल है।

आचार्य श्री अपने दल बल के साथ शनिवार को ही मधुबन के शिद्वायतन संस्था के प्रागंण में रात्रि प्रवास कर चुके थे। रविवार प्रात: वहां से निकल कर विभिन्न मंदिरों का दर्शन करने के बाद दोपहर में पूरे ससंघ के साथ सम्मेद शिखर में प्रवेश के लिए निकले।

इस दौरान उनके स्वागत में पूरा मधुबन खड़ा रहा। शाश्वत ट्रस्ट प्रकाश भवन से लेकर बीसपंथी कोठी तक सभी सदश्य व मधुबन थाना प्रभारी दिलशान बिरूवा भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे दलबल के साथ चलते रहे। मधुबन की तमाम संस्थाओं के प्रबंधकों के अलावा बड़ी संख्या में बीस पंथी के कर्मचारी ढोल-नगाड़े के साथ-साथ व आदिवासी महिलाओं ने पूरे साज-बाज व माथे में कलश लेकर आगे-आगे पैदल चलते गुरुदेव का मंगल प्रवेश कराया। आचार्य श्री मधुबन में बने मंदिरों का दर्शन करते हुए आगे बढ़ते चले। आगमन को लेकर स्वागत वंदन हेतु संस्थाओं के अपने-अपने गेट के पास रंगोलियां बनाकर आत्मीय प्रकट की। स्वागत जुलूस का समापन बीस पंथी कोठी के मध्यलोक शोध संस्थान में प्रवेश कर हुआ।

इस अवसर पर कार्यक्रम में अजय कुमार जैन, बीएन चौगले, सुमन सिन्हा, देवेन्द्र जैन, संजीव कुमार जैन, पंडित शैलेंद्र जैन पुजारी, शैलेश जैन, सतेन्द्र जैन, बिनोद जैन, मनोज कुमार जैन, अतुल जैन, पंकज जैन, दीपक जैन, मनीष जैन, अमित जैन, दीपक सिंह, डॉ. ओमप्रकाश सिंह, रितेश मंदिलवार, कैलाश अग्रवाल, तेजनारायण मेहता,,सुजीत सिन्हा, ऋषभ शास्त्री, उज्ज्वल जैन, लाजपतराय जैन, अर्पित जैन, प्रभाष जैन, सुभाष चंद्र जैन, अभिनव जैन, सतीश जैन, सुधीर जैन, मनीषा जैन, सरिता जैन, प्रभा जैन, सजन बंटी जैन, आकाश जैन, ममता जैन आदि उपस्थित थे।

नरेंद्र,रोमिल, पीयूष जैन औरंगाबाद