दो महान गुरुओं के शिष्यों  का मिलन अलग अंदाज में

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संत मिलन का अनूठा अंदाज केशलोंच के साथ आचार्य श्री विद्यासागरजी के शिष्य निष्कंप सागजी मिले आचार्य श्री सुनील सागरजी के शिष्य मुनि श्री सक्षम सागरजी से। शायद यह कह रहे थे, आपके बढ़े बाल देखकर लगता है कि आपके केशलोंच का समय हो गया है, लाओ मैं ही कर देता हूं, ऐसे मिलेंगे संत, तो संतवाद-पंथवाद का होगा अंत।