लोक सभा स्पीकर ओम बिरला जी ने सांसद महुआ मोइत्रा को जैन समाज पर की गई अभद्र टिप्पणी के लिए चेतावनी दी: दिलीप घोष

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भाजपा के पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष की माने तो लोक सभा स्पीकर ओम बिरला जी ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को जैन समाज के प्रति की गई टिप्पणी पर चेतावनी दी है। पर समाज जैन इससे शांत नहीं होगा। यह गंभीर मसला है ,अल्पसंख्यक जैन समाज को लोकसभा द्वारा पारित कानूनों के द्वारा सुरक्षा कवच दिया जाता है। सदन में बने कानूनों की आड़ में ,अपने राजनीतिक मंसूबों की पूर्ति के लिए, किसी धर्म विशेष को शर्मसार किया जाए ,अभद्र टिप्पणी की जाए ,यह किसी भी हालत में, कोई भी समाज स्वीकार नहीं करेगा ।

अगर लोकसभा स्पीकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं , तो उन्हें ना केवल , उस वक्तव्य को, कार्यवाही से हटाना चाहिए , बल्कि इस अभद्र टिप्पणी करने पर सांसद को क्षमा मांगने के लिए निर्देश देना चाहिए, अन्यथा सविधान अनुसार कठोर उचित कार्यवाही करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। सांसद महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल से संबंध रखती हैं, इसलिए यहां के जैन समाज में भी काफी आक्रोश व्याप्त है।

संसद में शीतकालीन सत्र के दौरान तृणमुल काँग्रेस की सांसद महुआ मित्रा ने जैन समाज को लेकर आपत्तीजनक बयान दिया है। उन्होंने कहां है कि जैन लडके अपने घर में मूँह छुपाकर अहमदाबाद की सडकों पर काठी कबाब खाते है। याने की मांसाहार करते है… ये सीधे तरीके से जैन संस्कृति पर हमला है। पूरे विश्व में जहां शाकाहार का समानार्थी शब्द जैन समाज है, वहीं संसद जैसी जगह पर अपनी राजनैतिक रोटी सेकने के लिए जैन समाज को बदनाम करने की साजिश इस महुआ मित्रा द्वारा की गई है।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की जैन समाज पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद जैन समाज में रोष व्याप्त है। कोलकाता में समाजजनों ने इसकी तीखी निंदा कर कहा कि महुआ माफी मांगते हुए अपने शब्दों को वापस लेें। जैन समुदाय के कई लोगों ने ट्विटर पर मांग करते हुए लिखा कि महुआ अपने आपत्तिजनक बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।

श्रीदिगम्बर जैन मुनिसंघ व्यवस्था समिति के सुरक्षा मंत्री सुरेंद्र कुमार जैन, पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य टैक्स सलाहकार नारायण जैन आदि ने महुआ की टिप्पणी की कड़ी निंदा की। इनका कहना है कि महुआ की टिप्पणी अत्यंत आपत्तिजनक है। लोकसभाध्यक्ष को टिप्पणी को लोकसभा की कार्यवाही से हटा देना चाहिए। और सांसद के खिलाफ उचित कार्रवाई भी करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जैन धर्म का मूल सिद्धांत है अहिंसा परमो धर्म तथा जीवो और जीने दो। यहां तक कि जैन धर्मावलंबी सूक्ष्म जीवों की सुरक्षा के लिए पानी भी छान कर पीते हैं। प्रत्येक धर्म में कुछ लोग अपवाद होते है लेकिन उस पर भरी संसद में टिप्पणी करना सर्वथा अनुचित निन्दनीय है। महुआ अपने इस कथन के लिए क्षमा मांगते हुए अपने शब्दों को वापस लेें। उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी समाजजनों का निवेदन है कि वे महुआ से इस प्रकार की टिप्पणी के लिए क्षमा याचना कराएं।ताकि जैन धर्मावलम्बियों को जो आघात पहुंचा है उसकी क्षतिपूर्ति हो सके।