खुरई रोड पर स्थित श्रुतधाम मंदिर परिसर में भारतवर्ष का इकलौता विशाल मुक्ताकाश (खुले आकाश तले) समवशरण जैन मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें कुल 76 प्रतिमाओं को विराजमान किया जाएगा। ब्रह्मचारी संदीप सरल भैया जी ने बताया कि मंदिर का शिलान्यास 17 जून 2017 श्रुत पंचमी पर किया गया था। जिसके 2023 में पूर्ण होने की संभावना है।
भैया जी ने बताया कि मंदिर का क्षरण न हो इसलिए मुख्य स्तंभ पत्थर से निर्मित किए जा रहे हैं। मंदिर निर्माण करीब 41000 वर्ग फीट में 24 वे तीरंथकर भगवान महावीर स्वामी के नाम से स्थापित होने जा रहा है। इस समवशरण मंदिर में चारों दिशाओं में चार मान स्तंभ होंगे।
प्रत्येक मान स्तंभ पर 8-8 प्रतिमाएं एवं 24 वे तीरंथकर की 24 प्रतिमाएं एवं चार चैत्यवृक्ष होंगे। प्रत्येक वृक्ष पर चार-चार प्रतिमाएं होगी। श्री मंडप भूमि में महावीर भगवान की 4 प्रतिमाएं विराजमान होंगी। जिन प्रतिमा की ऊंचाई 63-63 इंच की होंगी। समवशरण मंदिर में एक साथ 8000 श्रद्धालु एक साथ भगवान की पूजा अर्चना कर सकते हैं।