प्रकृति की गोद में बसा सम्मेद गिरी गोसलपुर, नैसर्गिक सौंदर्य यहाँ 1000 वर्ष पूर्व प्राचीन मंदिर एवं उसमें विराजित 1000 वर्ष प्राचीन भगवान

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2 जून 2022/ जयेष्ठ शुक्ल तीज /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
श्री दिंगबर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र सम्मेद गिरि के हमारे सावले पारस नाथ भगवान के।

प्रकृति की गोद में बसा सम्मेद गिरी गोसलपुर तीर्थ जिला जबलपुर का नैसर्गिक सौंदर्य यहाँ 1000 वर्ष पूर्व प्राचीन मंदिर एवं उसमें विराजित 1000 वर्ष प्राचीन भगवान पारसनाथ की प्रतिमा के साथ ही 250 वर्ष प्राचीन पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर है । मूलनायक शांतिनाथ , कुंथुनाथ व अरहनाथ भगवान कि प्रतिमा 6 फ़ीट की है ।

हाल ही में यहां 15 फीट ऊंची भगवान आदिनाथ की पद्मासन प्रतिमा लाई गई है । क्षेत्र पर गुरुकुल एंव गौशाला भी है जिसमें 175 गाये हैं ।


समीपवर्ती तीर्थ क्षेत्र जबलपुर 30 km, बहोरीबंद 35 km, पनागर 15 km, मढ़िया जी 30 km एवं बिलहरी 60 km की दूरी पर है।