29 दिसंबर तीर्थंकर श्री संभवनाथ जी का तप कल्याणक

0
1789

 मंगसिर् शुक्ल पूर्णिमा, जो इस वर्ष 29 दिसंबर को है , इसी दिन बादलों का विनाश देखकर आपके मन में वैराग्य की भावना बलवती हुई और श्रावस्ती नगर के सहतुक वन में 1000 राजाओं के साथ पंचमुखी केषलोंच कर के दीक्षा ली । तीन उपवास के बाद श्री सुरेंद्र दत्त जी ने खीर के रूप में प्रथम आहार दिया ।

आपने 14 वर्ष तपस्या की। बोलिए तीर्थंकर श्री संभव नाथ जी की जय।