जहाँ माताजी की दीक्षा हुई, उसी स्थान पर उनकी आचार्य की निश्रा में उत्कृष्ट समता पूर्वक समाधी

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26 अगस्त 2022/ भाद्रपद कृष्ण चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
परम पूज्य गुरुमां, गणिनी आर्यिका रत्न 105 श्री सुपार्श्वमती माताजी की शिष्योत्तमा श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न 105 श्री गौरवमती माताजी का गुरुवार, 25 अगस्त 2022 को मध्य रात्रि – 11.22 बजे आचार्य 108 श्री सुनील सागर जी महाराज के निर्यापकत्व में सम्यक समाधि मरण हो गया है।

पूज्य माताजी की डोल यात्रा-
शुक्रवार, 26 अगस्त 2022 को प्रातः 7 बजे आचार्य 108 श्री सुनील सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में भट्टराक जी की नसियां, नारायण सिंह सर्किल से आगरा रोड़ स्थित चूलगिरी को जाएगी।

आपकी संयंम साधना अपने आप मे अदभुत थी आपका पूर्व नाम डॉक्टर प्रमिला दीदी था आपने गणिनी आर्यिका 105 सुपार्श्वमति माताजी से पहले ब्रह्मचर्य व्रत लिया बाद में वर्ष 2007 में जयपुर की भट्टारक नसिया गणिनी आर्यिका 105 सुपार्श्वमति माताजी द्वारा आपको आर्यिका दीक्षा प्रदान की गयी।

यह भी संयोग ही कहा जाएगा वही स्थान जहाँ उनकी दीक्षा हुई थी उसी स्थान पर उनकी समता पूर्वक समाधी हुई। सचमुच एक साधु जीवन का ध्येय होता है समता पूर्वक समाधी हो और वो भी आचार्य की निश्रा में माताजी की उत्कृष्ट समाधी आचार्य सुनील सागर महाराज की निश्रा में मध्य रात्रि में हुई।जैसा उनका भाव रहा वैसे ही उन्होंने अपने अंत समय मे पाया आपका ज्ञान, आपका त्याग सदा सदा चिरकालिक रहेगा। आपने आगम का गहनता से अध्यन किया और स्वयंम को साधना की ओर अग्रसर किया साथ सभी को कल्याण का मार्ग बताया जब आपकी दीक्षा हुई थी तो माताजी द्वारा सबसे प्राचीन कमंडल प्रदान किया था, चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी हार्दिक विन्यांजलि अर्पित करता है।
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी