23 नवंबर 2022/ मंगसिर कृष्ण अमावस/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
परम पूज्य मुनि श्री विश्वेश सागर जी ने तमिलनाडु में काफी विकास किया एवं और कई तमिल जनों को धर्म की ओर अग्रसर किया एक ऐसा संत जो अकेला पूरे तमिलनाडु में पिछिका कमंडल लेकर बिना सुरक्षा के निकल जाता था, जिनका आज समाधि मरण अरनी के कोसुपल्लम जैन मंदिर में
कुशल निर्देशन में समाधि
अरिहंतगिरी/आरणी (तमिलनाडू)। 22-11-22। परम पूज्य आचार्यश्री विरागसागर जी महाराज के शिष्य पूज्य मुनिश्री विश्वेश सागर जी महाराज की संल्लेखना पूर्वक समाधि आरणी में रात्रि 12.36 बजे हुई।
उच्च तकनीक के साधन (मोबाइल/टैब) से अरिहंतगिरी में विराजित परम्पराचार्यश्री सुविधिसागर जी महाराज ने उनके स्वास्थ्य पर बारीकी से नजर रखी और अंत में संल्लेखना पूर्वक उनकी समाधि करवाई।
समाधि के बाद क्षपक (मुनिश्री के शरीर) को साधन द्वारा देखते हुए सारे संघ ने कायोत्सर्ग पूर्वक सारी भक्ति क्रिया सम्पन्न की।