समाधि मरण – मुनि आत्मा सागर आत्म विलीन विलीन हुए

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चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री 108 शांतिसागर जी महाराज जी के मूल परंपरा के सप्तम पट्टाचार्य आचार्य श्री अनेकांत सागर जी महाराज के प्रमुख शिष्य मुनि श्री आत्मा सागर जी महाराज ने लाल बंगला स्थित जैन मंदिर में तप आराधना करते हुए इस नश्वर देह को त्याग कर रात्रि 10.30 बजे अपनी आत्मा में विलीन हो गए । मुनि श्री आत्मा सागर जी का गृहस्थ अवस्था को नाम श्री कोमल चन्द्र जैन था, वे कानपुर के निवासी थे , जनरल गंज में कपड़े का व्यवसाय करते थे ।कानपुर जैन समाज के प्रतिष्ठित परिवारों में आपका नाम था, जब संसार से मोह छूटा तो घर, व्यापार त्याग कर वैराग्य धारण कर अपने गुरु की शरण में जा कर अप्रैल 2019 में जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी मै अपने गुरु आचार्य श्री अनेकांत सागर जी से मुनि दीक्षा लेकर तप आराधना में लीन रहे। आप अपने गुरु के साथ दिल्ली की ओर विहार कर रहे थे कि विश्राम हेतु जैन मंदिर लाल बंगला में रुके थे जहां उन्होंने गुरु का आशीर्वाद लेकर नामोकार महामंत्र का स्मरण करते हुए अपनी देह का त्याग ॐ नमः सिद्धेभया बोल कर किया। आज प्रातः जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया ।
समाधि समय:- दिनांक 12 अप्रैल 2021 रात्रि 10:35 को हुआ।